रेप से लेकर मर्डर तक! जानें, किसान आंदोलन के दौरान हुए कैसे-कैसे कांड

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कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ ही कई अन्य मांगों को लेकर जारी किसान आंदोलन 9 दिसंबर को समाप्त हो गया। केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की सहमति बनने के बाद इस आंदोलन समाप्त करने की घोषणा कर दी गई।

एक साल से भी ज्यादा समय तक चले इस किसान आंदोलन के दौरान हत्या, बलात्कार से लेकर हर तरह की हिंसक घटनाएं घटीं। इन कारणों से किसान आंदोलन विवादों में घेरे में आ गया। कई बार इस आंदोलन के औचित्य पर सवाल उठाए गए।

सभी मांगों पर सरकार की सहमति
किसान संगठनों और सरकार के बीच इस हफ्ते की शुरुआत से ही बात चल रही थी। 7 दिसंबर को सरकार ने किसानों को एक प्रत्साव भेजा था। इसमें एमएसपी पर कमेटी बनाने, मुआवजे पर सैद्धांतिक सहमति और आंदोलन खत्म करने पर दर्ज मामलों को वापस लेने की बात कही गई थी। इस पर किसानों ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि दर्ज मामले आंदोलन समाप्त करने से पहले वापस लिए जाएं। इसके बाद सरकार ने नए प्रस्ताव में मामले तत्काल प्रभाव से वापस लेने की बात कही। सरकार के इस प्रस्ताव पर किसान नेताओं ने सहमति जताई औह आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया।

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किसान आंदोलन के दौरान घटी आपराधिक घटनाओं पर एक नजर

  • 28 अक्टूबर 2021 को टिकरी बॉर्डर पर ट्रक से कुलकर तीन महिलाओं की मौत
  • 15 अक्टूबर 2021- सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह की नृशंस हत्या
  • 28 अक्टूबर 2021 करनाल में किसानो पर लाठीचार्ज,एक किसान की मौत
  • मई 2021 टिकरी बॉर्डर पर युवती से रेप
  • 26 जनवरी 2021- दिल्ली की सड़कों पर उपद्रव, एक की मौत
  • अलग-अलग मामलों में 500 से ज्यादा किसानों के खिलाफ मामले दर्ज
  • संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी सूची के अनुसार कुल 605 किसानों की मौत

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