हरियाणा उपचुनावः कांग्रेस के गढ़ में भाजपा की सेंध! जानिये, किस पार्टी को मिले कितने वोट

आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में आखिरकार पहली बार उपचुनाव के जरिए भारतीय जनता पार्टी का कमल खिल ही गया।

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कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में आखिरकार पहली बार उपचुनाव के जरिए भारतीय जनता पार्टी का कमल खिल ही गया। भाजपा की इस जीत के मायने इसलिए भी है कि कांग्रेस से भाजपा में पहुंचे कुलदीप बिश्नोई के विरोध की बातें क्षेत्र में खुले रूप से सुनी और महसूस की जा रही थी। ऐसे में भाजपा ने चुनाव की बागडोर पूरी तरह से अपने हाथ में नहीं ली होती तो रिजल्ट कुछ भी हो सकता था।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन और प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के कुशल नेतृत्व में चुनाव प्रबंधन में लगी भाजपा की मजबूत टीम ने समय रहते चुनाव को अपने हाथों में लिया और भाजपा उम्मीदवार भव्य बिश्नोई को कुशल प्रबंधन के दम पर जीत दिलाकर पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल एवं कुलदीप बिश्नोई की साख बचा ली।

रणनीति के तहत किया गया चुनाव प्रचार
प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में योजनाबद्ध एक रणनीति के तहत प्रचार के लिए भाजपा के नेताओं को चुनावी रण में उतारा और खुद भी एक रणनीति के तहत आदमपुर में जनता के बीच पहुंचे। प्रदेश अध्यक्ष ने दो दिनों तक आधा दर्जन सभाएं करके विधानसभा के उन गांवों में भाजपा के पक्ष में हवा बनाने में सफलता पाई, जहां जाट वोट कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में एकजुट होते दिखाई दे रहे थे। कांग्रेस के इस ध्रुवीकरण की कोशिश की हवा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, चुनाव प्रभारी बनाए गए कृषि मंत्री जेपी दलाल, सुभाष बराला एवं भाजपा के अन्य जाट नेताओं ने निकाल दी।

मुख्यमंत्री ने किया था दावा
-इसी तरह प्रचार के अंतिम दिन एक नवंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आदमपुर मंडी में एक विशाल जनसभा के दौरान यह कहकर जीत पर लगभग मुहर लगा दी थी कि भव्य को जिताकर भेजो, बाकी काम मुझ पर छोड़ो। मुख्यमंत्री की इस अपील ने कुलदीप बिश्नोई के विरोध में चल रही हवा को ठंडा कर दिया। दलितों के भाजपा के विरोध में होने की अफवाह भी कांग्रेस ने एक रणनीति के तहत फैलाई, लेकिन भाजपा ने इसका जवाब अपने नेता रणबीर गंगवा और राज्य सभा सांसद कृष्ण लाल पंवार से दिलवाया। इन दोनों नेताओं ने रात दिन यहां मेहनत की और स्थिति को भाजपा के फेवर में बना दिया।

-उप चुनाव समिति के समन्वयक के रूप में प्रदेश अध्यक्ष धनखड़ ने पार्टी के प्रदेश महामंत्री वेदपाल एडवोकेट को जिम्मेदारी दी थी। वेदपाल ने भी इस जिम्मेदारी को बड़ी खूबी से निभाया। इसके अलावा मीडिया प्रबंधन की जिम्मेदारी पार्टी के प्रदेश सह मीडिया प्रमुख अरविंद सैनी को दी थी।

-भाजपा के कुशल प्रबंधन के कारण भाजपा ने 16606 वोटों से करारी शिकस्त दी। इनेलो और आप के उम्मीदवार तो अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। इस जीत को 2024 के परिप्रेक्ष्य में देखें तो भाजपा के लिए ये जीत सुखद परिणाम देने वाली है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने न केवल आदमपुर व हिसार बल्कि प्रदेशभर में जीत का जश्न मनाया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने सभी को जीत की बधाई ट्वीट करके दी। दोनों ने ही इसे कार्यकर्ताओं की मेहनत और भाजपा के विश्वास की जीत करार दिया है।

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