हरियाणा : …अब नौकरी के लिए भूमिपुत्र होना आवश्यक!

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी की सरकार है। किसान आंदोलन की मार झेल रही इस गठबंधन सरकार ने भूमिपुत्रों को नौकरियों में आरक्षण देकर किसानों के संग्राम के शमन की व्यवस्था कर दी है।

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हरियाणा सरकार ने अपने एक चुनावी वादे को पूरा किया है। जिसके अनुसार अब राज्य में निजी क्षेत्र की नौकरियों पर भूमिपुत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्या ने लोकल कैंडिडेट विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी है।

राज्य में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी की गठबंधन सरकार है। जननायक जनता पार्टी ने चुनाव पूर्व वादा किया था कि राज्य में सरकार आने पर निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित होंगी। इस पर अब जाकर मुहर लग गई है।

इस विधेयक के कानून में परिवर्तित होने के बाद इसे हरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट ‘लोकल कैंडिडेट बिल 2020’ का नाम दिया गया है।

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इस कानून की विशेषताओं पर नजर डालें तो इस प्रकार है…

  • 1) इसके अंतर्गत अब निजी क्षेत्र जैसे सोसायटी, कंपनी, ट्रस्ट, भागीदारी कंपनियों का समावेश है। इन कंपनियों में स्थानीय उम्मीदवारों को प्रशिक्षण देकर कार्य पर लेना होगा यदि प्रशिक्षित युवक उपलब्ध नहीं होंगे।
  • 2) स्थानीय युवक का अर्थ डोमीसाइल धारक उम्मीदवार हैं। जो हरियाणा में पैदा हुए हों या 15 वर्षों से रहते हों।
  • 3) 50 हजार से कम वेतन वाली नौकरियों पर है लागू
  • 4) यह कानून 10 वर्षों के लिए लागू किया गया है।

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मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने बताया कि इस कानून पर सरकार जल्द ही अधिसूचना जारी करेगी। सरकार के अनुसार इस कानून से स्थनीय लोगों को नौकरी का अवसर मिलेगा। इसके अलावा बाहर से आनेवाली भीड़ पर रोक भी लगेगी। जिससे स्थानीय संसाधनों पर पड़नेवाले दबाव कम होगा। झुग्गियों के बसने पर भी रोक लगेगा।

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