15 अगस्त पर खालिस्तानी षड्यंत्र… पन्नू ने आतंकी मंसूबे पूरे करने के लिए अपनाया ट्रैक्टर आंदोलन

भारत के विरुद्ध खालिस्तानी आतंकी लगातार विदेशों में बैठकर षड्यंत्र रच रहे हैं। इन आतंकियों की नजर में वर्तमान सरकार भी किरकिरी बनी हुई है।

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स्वतंत्रता दिवस पर खालिस्तानियों की नई चाल सामने आई है। जिसमें दिल्ली में ट्रैक्टर चलाकर स्वतंत्रता दिवस को रोकने का आह्वान किया गया है। इस संबंध में आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो भी जारी किया है।

स्वतंत्रता दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकालने की योजना किसान यूनियन कर रही हैं। इस रैली को संयुक्त किसान यूनियन निकालेगी। इस संबंध में यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बयान भी दिये हैं। इस बीच ट्रैक्टर के माध्यम से आतंकी षड्यंत्र का भी खुलासा हुआ है। भगोड़ा आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू भी ट्रैक्टर रैली निकालने की बोली बोलते हुए देश के विरुद्ध साजिश का रचने का आह्वान किया है। उसने भारत की सार्वभौमिकता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध अपमानजनक बातें की है।

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क्या बोला आतंकी पन्नू?
गुरपतवंत सिंह पन्नू, सिख फॉर जस्टिस नामक आतंकी संगठन चलाता है। वह अमेरिका से इसका संचालन करता है। किसान यूनियन के आंदोलन की शुरुआत से ही वह समर्थन में खड़ा रहा है। गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसात्मक घटनाओं में खालिस्तानियों की भूमिका से इन्कार नहीं किया जा सकता है। अब उसकी देशद्रोही बातें एक बार फिर स्वतंत्रता दिवस पर साजिश के साथ सामने आने लगी है। उसने लोगों से भारत विरोधी गतिविधियों का समर्थन करते हुए विरोध प्रदर्शन करने को कहा है। जिससे ट्रैक्टर रैली हिंसात्मक हो जाएं तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।

प्रधानमंत्री का भी विरोध
पन्नू के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हैं। वह मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए लोगों को भड़काता रहा है। इसका एक ट्रेलर पंजाब में देखने को मिला था जहां बहकावे में आकर लोगों ने भाजपा के कई नेताओं को निशाना बनाया, उनके खेतों की फसल तहस नहस कर दी।

किसानों के साथ ही आंदोलन क्यों?
खालिस्तानी झंडे, डंडे शुरुआत से ही किसान यूनियन आंदोलन में दिखते रहे हैं। भले ही किसान यूनियन इससे इन्कार करती रही हैं परंतु, यह भी सच्चाई है कि खालिस्तानी आतंकियों और जरनैल सिंह के विरोध में बोलनेवाले पंजाब किसान यूनियन के अध्यक्ष रुलदू सिंह मानसा को निलंबित भी उन्होंने किया है। इसके पहले गुरनाम सिंह चढूनी को भी निलंबित किया गया था। चढूनी ने किसान यूनियनों से कहा था कि यदि उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में किसान यूनियन भाजपा या सरकार का विरोध करने जाती है तो चुनावी राज्य पंजाब की बात क्यों नहीं होनी चाहिए।

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