Digital Transactions: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 31 मई को कहा कि सरकार की प्राथमिकता कम मूल्य के नोटों और डिजिटल लेनदेन को प्राथमिकता देना है। सरकार का प्रयास है कि कम मूल्य वाले नोट अधिक प्रचलन में रहें, क्योंकि 2000 रुपये के नोट लगभग पूरी तरह से प्रचलन से बाहर हो चुके हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री आज राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में पंडित दीनदयाल उपाध्याय एकात्म मानववाद व्याख्यान के 60 वर्ष पूरे होने पर आयोजित राष्ट्रीय स्मारक संगोष्ठी को संबोधित कर रही थीं। सीतारमण ने कहा कि हमें और अधिक डिजिटल जागरूकता पैदा करने की जरूरत है, ताकि लोग डिजिटल हस्तांतरण के लाभ को देख सकें। सीतारमण ने 500 रुपये के नोट के भविष्य के बारे में कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि कम मूल्य वाले नोट अधिक प्रचलन में रहें।
सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2014 में सत्ता संभालने के बाद से रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता पर जोर दे रहे हैं, जिससे भारत पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम दे पाया है। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत यूपीए सरकार का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि यह उस सरकार के बिल्कुल विपरीत है, जो कहती थी कि उसके पास रक्षा खरीद पर खर्च करने के लिए पैसा नहीं है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा प्रदान करना किसी भी राष्ट्र की मुख्य प्राथमिकताओं में से एक है। वित्त मंत्री ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने ‘भारतीय प्रौद्योगिकी’ के निर्माण के उद्देश्य से रोजगार सृजन के लिए नीति निर्माण में 7 ‘एम’ को शामिल करने पर जोर दिया था।
Hate Speech Case: भड़काऊ भाषण मामले में अब्बास अंसारी को दो साल की सजा, विधायक पद पर लटकी तलवार
वित्त मंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास वही है, जो आप तब करते हैं, जब आप अंत्योदय में विश्वास करते हैं। इस अवसर पर ‘कार्य, धन और कल्याण: जन-प्रथम अर्थव्यवस्था की ओर’ शीर्षक सत्र भी आयोजित किया गया।
Join Our WhatsApp Community