योगी सरकार के चार साल पर यूपी में चर्चा, महाराष्ट्र में खर्चा!… जानिए क्या है कारण

यूपी की योगी सरकार के चार साल पूरे होने पर उत्तर प्रदेश के साथ ही देश के विभिन्न प्रदेशों की मीडिया कंपनियों में भी विज्ञापन दिए गए हैं। महाराष्ट्र की प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया कंपनियों को योगी सरकार की ओर से विशेष रुप से करोड़ों के विज्ञापन दिए गए हैं

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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 19 मार्च को चार साल पूरे कर लिए हैं। इन चार सालों में योगी सरकार ने अयोध्या में जहां श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर तेजी से कदम बढ़ाए, वहीं कोरोना कंट्रोल, लॉकडाउन की वजह से बाहर से आए मजदूरों को काम, लवजिहाद कानून, आगरा में मुगल म्यूजियम का नामकरण छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर करने से लेकर प्रदेश के बाहुबलियों पर शिकंजा कसने तक में काफी हद तक सफलता प्राप्त की है। इसके बावजूद आनेवाले समय में उनकी सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं। इन उपलब्धियों को लेकर यूपी ही नहीं देश भर में चर्चा है, वहीं योगी सरकार द्वारा महाराष्ट्र की मीडिया कंपनियों को दिए गए करोड़ों रुपए के विज्ञापन की भी जोरदार चर्चा है।

यूपी में चर्चा, महाराष्ट्र में खर्चा!
बता दें कि योगी सरकार के चार साल पूरे होने पर उत्तर प्रदेश के साथ ही देश के विभिन्न प्रदेशों की मीडिया कंपनियों में भी विज्ञापन दिए गए हैं। महाराष्ट्र की प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया कंपनियों को योगी सरकार की ओर से विशेष रुप से करोड़ों के विज्ञापन दिए गए हैं। इसका कारण यह है कि उत्तर प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में महाराष्ट्र और देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में रहते हैं।

महाराष्ट्र में यूपी के 37 लाख लोग
वर्तमान में मुंबई की कुल आबादी एक करोड़ 30 लाख के आसपास है। इसमें 20 लाख से ज्यादा लोग उत्तर प्रदेश के हैं। पूरे महाराष्ट्र की बात करें तो यहां के हर जिले में उत्तर प्रदेश के लोग मौजूद हैं। इनमें सबसे ज्यादा यूपी के लोग मुंबई, ठाणे, नासिक और नागपुर में रहते हैं।

  • मुंबई- 20 लाख
  • पुणे- 1.5 लाख
  • नागपुर- 40 हजार
  • शेष महाराष्ट्र 15 लाख
    इस तरह देखें तो मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश के करीब 37 लाख उत्तर प्रदेश के लोग रहते हैं। चुनाव के समय इनमें से काफी लोग यूपी मतदान करने जाते हैं। इसलिए य़ूपी में किसी भी पार्टी की सरकार हो, उसकी नजर महाराष्ट्र और मुंबई पर लगी रहती है।पिछले चार साल में योगी सरकार ने कई उपलब्धियां अर्जित की है। उनमें निम्नलिखित प्रमुख हैंःअयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण का शुभारंभ
    सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद बिना विवाद और किसी तरह के विरोध प्रदर्शन के अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए रास्ता प्रशस्त करना योगी सरकार के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं है। महत्वपूर्ण बात यह है कि कोरोना संकट के बावजूद श्रीराम मंदिर के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया। कई सदी से विवादित इस मामले को सर्वोच्च न्यायायल के फैसले के बावजूद शांतिपूर्ण समाधान आसान नहीं था।
    कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण

    कोरोना संक्रमण के वक्त जिस तरह से योगी सरकार ने निर्णय लिए एवं कदम उठाए, उस वजह से प्रदेश में अन्य राज्यों के मुकाबले संक्रमण काफी कम हुआ। इसके साथ ही उन्होंने अपने प्रदेश से बाहर काम करनेवाले मजदूरों को प्रश्रय दिया और उनके प्रति आत्मीयता दिखाई। यहां तक कि मजदूरों के खाते में कई महीनों तक एक-एक हजार रुपए भेजकर उनकी आर्थिक मदद की।
  • सीएम योगी ने कही थी ये बात
    24 मई 2020 को वेबिनार में योगी ने कहा था, ‘उत्तर प्रदेश में जितना भी मैनपॉवर हमारा है, इन सबकी स्किल मैपिंग के साथ-साथ कमिशन का गठन किया जाएगा। इन्हें उत्तर प्रदेश सरकार अपने राज्य में रोजगार उपलब्ध कराएगी। अब अगर किसी सरकार को मैनपॉवर चाहिए तो इस मैनपॉवर की सोशल सिक्योरिटी की गारंटी लेनी पड़ेगी। उनका बीमा कराना होगा। उनको हम हर तरह से सुरक्षा देंगे। दूसरी राज्य सरकार बिना हमारे परमिशन के हमारे लगों को लेकर नहीं जा सकेगी। उनकी दुर्गति देखते हुए हमने यह निर्णय लिया है।’

लवजिहाद रोकने के लिए बनाया कानून
इसके आलावा उन्होंने लवजिहाद के बढ़ते मामले को रोकने के लिए नया कानून बनाया। इस कानून के तहत लवजिहाद के आरोपियों को जहां 10 साल तक कैद की सजा हो सकती है, वहीं एक लाख रुपए तक जुर्माना भी भरना होगा।

बाहुबलियों पर कसा शिकंजा
योगी सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के बाहुबली नेताओं को अपनी औकात बता दी। अतिक अहमद जैसे कभी प्रदेश की राजनीति में दमदार पकड़ रखनेवाले बाहुबलियों पर शिकंजा कस दिया, वहीं बसपा नेता आजम खान कई मामलों में आज भी जेल की हवा खा रहे हैं।

हिंसक प्रदर्शनकारियों पर कसा नकेल
प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों पर जिस तरह का शिकंजा योगी सरकार ने कसा, उसकी नकल हरियाणा की ठक्कर सरकार के साथ ही अन्य प्रदेश की सरकारें भी कर रही हैं। उन्होंने प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान की वसूली प्रदर्शनकारियों से करने का कानून बनाकर उन पर शिकंजा कस दिया है।

म्यूजियम का नामकरण छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर किया
आगरा के जेरे तामीर मुगल म्यूजियम का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम देकर योगी सरकार ने अपने देश के सपूतों के प्रति अपनी श्रद्धा और आस्था को प्रकट किया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि हमारे नायक मुगल नहीं हो सकते हैं। हम सबके नायक शिवाजी महाराज हैं।

ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्मसिटी निर्माण के लिए उठाए महत्वपूर्ण कदम
इसके साथ ही उन्होंने नोएडा में फिल्मसिटी बनाने की दिशा में सक्रियता दिखाई। योगी सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए प्रदेश का प्रशासन तेजी से सक्रिय है। विश्व स्तर की इस फिल्मसिटी का लाभ प्रदेश ही नहीं, देश भर के कलाकारों और तकनीशियनों को भी मिलेगा। इसके साथ ही प्रदेश के लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा।

भाजपा के स्टार प्रचारक
योगी आदित्यनाथ आज उत्तर प्रदेश ही नहीं, देश की राजनीति में एक चमकता हुआ नाम है। भारतीय जनता पार्टी में उनकी एक अलग पहचान है। जहां भी चुनाव होता है, वहां सीएम योगी स्टार प्रचारक के रुप में आमंत्रित किए जाते हैं और निश्चित रुप से उनके भाषण का सकारात्मक प्रभाव स्रोताओं पर पड़ता है।

ये हैं चुनौतियां

  • उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद अपराधों पर लगाम नहीं लगाया जा सका है। खासकर गैंगरेप और हत्या जैसे गंभीर वादातें आए दिन होते रहती हैं।
  • योगी सरकार की वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती अगले एक-दो महीने में होनेवाले ग्राम पंचायत चुनाव में पार्टी को जीत दिलाना है।
  • इसके साथ ही 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को फिर से जीत दिलाना और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर फिर से काबिज होना भी उनके लिए बड़ी चुनौती है।

विकास पुस्तिका का विमोचन
बता दें कि 19 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। सरकार के चार साल पूरे होने पर सीएम योगी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विकास पुस्तिका का विमोचन किया। ‘नये भारत का नया उत्तर प्रदेश’ नामक इस विकास पुस्तिका के लेख की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता ‘कदम मिलाकर चलना होगा’ से की गई है।
सम्मुख फैला अगर ध्येय पथ
प्रगतन चिंरतन कैसा इति अथ
सुस्मित हर्षित कैसा श्रम श्लथ
असफल, सफल समान मनोरथ
सब कुछ देकर कुछ न मांगते
पावस बनकर ढलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा।

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