पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह का अगला कदम क्या होगा, इस पर सबकी नजर है।लेकिन फिलहाल इस पर वे सस्पेंस बनाए हुए हैं। हालांकि दो बातें उन्होंने स्पष्ट कर दी हैं। पहली बात- वे कांग्रेस में लंबे समय तक नहीं रहेंगे और दूसरी वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं होंगे। हालांकि उन्होंने यह साफ कर दिया है कि वे राजनीति में सक्रिय रहेंगे और पंजाब के लोगों की सेवा करते रहेंगे। इस स्थिति में लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है कि कैप्टन का अगला कदम क्या होगा?
दरअस्ल कांग्रेस छोड़ने की बात पर उन्होंने अमल भी करना शुरू कर दिया है। कैप्टन ने ट्विटर पर अपना परिचय बदलकर अपनी बात पर मुहर लगा दी है। उन्होंने अपने परिचय में से कांग्रेस नेता का टैग हटा दिया है और खुद को पूर्व सैनिक तथा पंजाब का पूर्व मुख्यमंत्री बताया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी लिखा है कि वे पंजाब के लोगों के सेवा करते रहेंगे।
उनकी इन बातों से उनके अगले कदम के बारे में दावे के साथ कुछ भी कहना मुश्किल है।
कैप्टन ने कही ये बात
एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा,’मैं भाजपा में नहीं जा रहा हूं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मैं फिलहाल कांग्रेस में हूं लेकिन लंबे समय तक नहीं रहूंगा।’ इसका कारण स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि वे 52 साल से राजनीति में हैं और लंबे समय से कांग्रेस में हैं। अगर 50 साल के बाद मेरी विश्वसनीयता पर शक किया तो फिर क्या बचा रह गया। ऐसे में मैंने मुख्यमंत्री का पद छोड़ दिया है और कांग्रेस भी छोड़ दूंगा।
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शाह और डोभाल से इसलिए हुई मुलाकात
इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का कारण भी स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि शाह से उनकी मुलाकात किसान आंदोलन को लेकर थी। इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी एनएसए से मुलाकात पंजाब और देश की सुरक्षा को लेकर थी।
कैप्टन के पास दो रास्ते
इस स्थिति में राजनीतिक पंडितों के लिए यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि वे आगे क्या करने वाले हैं। हालांकि उनके पास दो रास्ते बचे हैंः
पहला– अपनी पार्टी गठित करना और दूसरा आम आदमी पार्टी में शामिल होकर 2022 में पंजाब में होने वाले चुनाव में उतरना। कैप्टन अगर अपनी पार्टी गठित करते हैं तो उनके लिए आगे बढ़ना आसान हो सकता है। एक तरफ जहां आंदोलनकारी किसान उनका समर्थन कर सकते हैं, वहीं वे भाजपा के साथ मिलकर पंजाब में 2022 में होने वाले चुनाव में भी उतर सकते हैं। भाजपा से करीबी बढ़ाने का यह कारण हो सकता है।
दूसरा रास्ता
कैप्टन ने पंजाब में आम आदमी पार्टी की ताकत बढ़ने की भी बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की है कि वे नवजोत सिंह सिद्धू को किसी भी हालत में चुनाव नही जीतने देंगे। वैसे भी आम आदमी पार्टी पंजाब में मुख्यमंत्री के चेहरे की तलाश में है। इस स्थिति में अगर कैप्टन मान जाते हैं तो इससे बेहतर आप के लिए और कुछ भी नहीं हो सकता। लेकिन यह दूसरी संभावना कम है, क्योंकि कैप्टन का मिजाज जरा आप के नेताओं से अलग है।