गुजरात चुनाव 2022 : पूर्व आईपीएस वंजारा ने बनाई नई पार्टी, दिया ये नाम

डीजी वंजारा 1987 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। गुजरात पुलिस में उनकी छवि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की रही है।

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सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले से चर्चित हुए पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा ने गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपनी नई प्रजा विजय पक्ष (पार्टी) को मैदान में उतारने की घोषणा की है। पूर्व आईपीएस अधिकारी ने गुजरात में हिन्दुत्व एजेंडे के साथ रहने का ऐलान किया है।

8 नवंबर काे अहमदाबाद में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में डीजी वंजारा ने कहा कि वे राज्य की जनता को भय और भ्रष्टाचार से मुक्त कराएंगे। उन्होंने कहा कि वे आज प्रजा विजय पार्टी के चुनाव के मैदान में आने की घोषणा करते हैं। उनकी यह पार्टी सिर्फ एक पार्टी नहीं है, बल्कि यह गुजरात के लिए राजनीतिक विकल्प है। उन्होंने कहा कि पिछले 27 वर्ष से भाजपा का शासन है। भाजपा हिन्दुत्ववादी पार्टी है और गुजरात के लोगों की सोचा और विचारधारा हिन्दुत्ववादी है, इसलिए इसी तरह की कोई दूसरी पार्टी राज्य में विकल्प बन सकती है। वंजारा ने कहा कि गुजरात की जनता भाजपा का विकल्प ढूंढ रही है। उनकी यह नई पार्टी भाजपा का विकल्प बनने को तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रजा विजय पार्टी की विचारधारा हिन्दुत्ववादी है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि यदि कांग्रेस विकल्प होती तो पिछले भाजपा का पिछले 27 वर्ष से शासन नहीं होता। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी।

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एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में सुर्खियों में रहे थे डीजी वंजारा
डीजी वंजारा 1987 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। गुजरात पुलिस में उनकी छवि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की रही है। वे पहले क्राइम ब्रांच में थे और बाद में गुजरात एटीएस यानी एंटी टैररिस्ट स्क्वाड के मुखिया रहे। उसके बाद पाकिस्तान सीमा से सटी बॉर्डर रेंज के आईजी रहे। वे 2002 से 2005 तक अहमदाबाद की क्राइम ब्रांच के डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस थे। वंजारा को 2007 में गुजरात सीआईडी ने फर्जी एनकाउंटर मामले में गिरफ़्तार किया था और उसके बाद वे जेल गए। 2007 में उन्हें निलंबित कर दिया गया था। सोहराबुद्दीन के अलावा वह इशरत जहां मुठभेड़ में भी आरोपित थे।

2018 में बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली थी राहत
2004 में अहमदाबाद पुलिस ने इशरत उसके तीन साथियों को कथित मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस ने दावा किया था कि यह चारों आतंकी थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या के इरादे से गुजरात आए थे। अगस्त 2017 में विशेष सीबीआई अदालत ने वंजारा को सोहराबुद्दीन मामले में बरी किया था। इसके बाद सितंबर 2018 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में वंजारा को बड़ी राहत देते हुए निचली अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें उन्हें बरी कर दिया गया था। इसके बाद 2019 मई में वंजारा को इशरत मामले में भी आरोपमुक्त कर दिया गया था।

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