भारत रत्न लता मंगेशकर संगीत महाविद्यालय की अनुमति किसने रद्द की? आशीष शेलार ने किया यह दावा

भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन के बाद तत्कालीन गठबंधन सरकार ने घोषणा की थी कि महाराष्ट्र में उनके नाम पर एक संगीत महाविद्यालय शुरू किया जाएगा।

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भारत रत्न लता मंगेशकर के नाम पर दिया जाने वाला पहला पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए जाने की घोषणा करने के बाद महाराष्ट्र की आघाड़ी सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के नाम पर बनाए जाे वाले संगीत महाविद्यालय की मंजूरी रद्द कर दी थी। भाजपा विधायक आशीष शेलार ने 3 मार्च को विधानसभा में  यह सनसनीखेज दावा किया।

विधानसभा में पूरक मांगों पर बोलते हुए विधायक शेलार ने कहा कि लता मंगेशकर के निधन के बाद तत्कालीन गठबंधन सरकार ने घोषणा की थी कि महाराष्ट्र में उनके नाम पर एक संगीत महाविद्यालय शुरू किया जाएगा। इसकी अनुमति की फाइल उस समय तैयार की गई थी और इसे तत्कालीन मुख्यमंत्री के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। लेकिन इसी बीच लता मंगेशकर के नाम पर पहला अवॉर्ड मंगेशकर परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। क्योंकि यह पुरस्कार नरेंद्र मोदी को दिया गया था और मुख्यमंत्री को इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था, इस कारण मुख्यमंत्री ने उसकी अनुमति रद्द कर दी थी।

धन्यवाद शिंदे-फडणवीस
शेलार ने कहा कि सौभाग्य से, सरकार बदल गई और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने तथा संगीत महाविद्यालय को फिर से अनुमति दी गई। इस संगीत महाविद्यालय को शुरू करने के लिए शिंदे-फडणवीस सरकार को धन्यवाद देते हुए शेलार ने मांग की कि इस महाविद्यालय को अब एक विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए, साथ ही यहां एक संगीत पुस्तकालय शुरू किया जाना चाहिए, और यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के उपकरण उपलब्ध कराए जाने चाहिए।

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