राज्यसभा में बदलेगा समीकरण! भाजपा समेत कई के अच्छे दिन तो कइयों को प्रतिनिधित्व के भी लाले

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राज्यसभा से 72 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इस वर्ष के अंत तक राज्यसभा के 75 सीटों के लिए चुनाव होने हैं। वर्तमान में राज्यसभा की 13 सीटों पर मतदान प्रक्रिया हुई है, जबकि इस वर्ष के अंत तक उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड की सीटों के लिए चुनाव होना है।

वर्ष 2022 के अंत तक उत्तर प्रदेश के 11, बिहार के 5, राजस्थान के 4, मध्य प्रदेश के 3 और उत्तराखंड की 1 राज्यसभा सीट के लिए चुनाव होंगे।

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा गए 11 सांसदों का कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है। इन सीटों पर चुनाव होने पर लाभ में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी रहेगी, जबकि बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस का कोई सदस्य उत्तर प्रदेश से राजयसभा में नहीं पहुंच पाएगा। इसका कारण है, विधानसभा चुनावों का आंकड़ा। इसके अनुसार भारतीय जनता पार्टी की 7 सीटों पर जीत प्राप्ति निश्चित है तो समाजवादी पार्टी 3 सीटों पर जीत प्राप्त कर सकती है। इसमें रस्साकशी ग्यारहवीं सीट के लिए, ऐसी स्थिति में बहुजन समाज पार्टी का एक विधायक और कांग्रेस के दो विधायक निर्णायक होंगे। इन चुनावों में संसद पहुंचने के लिए 37 मत चाहिए होगा।

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‘आप’ को बड़ा लाभ
वर्तमान में 31 मार्च को राज्यसभा की 13 सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव हो रहा है, जिसमें पंजाब से 5, केरल से 3, असम से 2, हिमाचल प्रदेश से 1 और त्रिपुरा व नागालैंड से 1 सीट शामिल है।

पंजाब – दलीय स्थिति देखें तो पांचों सीटों पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए हैं। 117 विधानसभी सीटों में से आप के पास 92 सीटें है।

केरल – राज्य की 3 राज्यसभा सीटों में से 2 पर एलडीएफ की जीत पक्की मानी जा रही है, जबकि 1 सीट पर कांग्रेस की जीत पक्की मानी जा रही है। राज्य की 140 विधानसभा सीटों में से एलडीएफ के पास 99 सीट हैं।

असम – राज्यसभा की 2 सीटों के लिए होनेवाले चुनाव में 1 सीट पर भारतीय जनता पार्टी और उसके गठबंधन की जीत तय मानी जा रही है। दूसरी सीट के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच मुकाबला है। दोनों ही दल अपने उम्मीदवारों की जीत का दावा कर रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश – राज्यसभा की एक सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं।

नागालैंड – यहां से एस फांगनोन कोन्याक को निर्विरोध चुन लिया गया है।

त्रिपुरा – एक सीट के लिए होने वाले मतदान में भाजपा की जीत पक्की मानी जा रही है। विधानसभा की 60 सीटों में से 40 सीट पर भारतीय जनता की जीत हुई है।

वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के पास राज्यसभा में 97 सांसदों का संख्याबल है। कांग्रेस के पास 34 का संख्याबल है। सदस्यों के कार्यकाल समाप्त होने के बाद कौन कितनी सीटों पर अपने उम्मीदवारों को वापस जीत दिला पाता है यह बड़ी बात होगी।

राज्यसभा चुनाव प्रक्रिया
राज्यसभा को अपर हाऊस कहते हैं इसके अलावा यह राज्यों की परिषद है। इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता, इसे भंग नहीं किया जा सकता है। सदन के एक तिहाई सदस्य प्रत्येक 2 वर्ष में सेवानिवृत्त होते हैं, जिनके स्थान पर नए निर्वाचित सदस्यों को प्रतिस्थापित किया जाता है। इसका चुनाव ‘अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली’ के अनुसार होता है, जिसमें प्रत्येक राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभा में निर्वाचित सदस्यों द्वारा एकल संक्रमणीय मतदान प्रणाली के अनुसार मतदान किया जाता है। केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और पुदुच्चेरी के लिए इलेक्टोरल कॉलेजियम प्रणाली के अनुसार वहां की विधानसभा के सदस्य चुनाव करते हैं।

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