एससीओ बैठकः एस जयशंकर ने मध्य एशियाई देशों के लिए कही ये बात

शंघाई सहयोग संगठन एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन है। भौगोलिक क्षेत्र और जनसंख्या की दृष्टि से यह विश्व का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है।

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की सरकार के प्रमुखों की वर्चुअल बैठक में 1 नवंबर को कहा कि हमें मध्य एशियाई देशों के हितों को ध्यान में रखते हुए एससीओ क्षेत्र में बेहतर संपर्क सुविधाएं विकसित करनी चाहिए। इससे एससीओ क्षेत्र की आर्थिक क्षमता को दोहन होगा और इसमें चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा प्रवर्तक बन सकता है।

विदेश मंत्री ने ट्वीट कर बैठक में दिए अपने वक्तव्य की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संपर्क परियोजनाओं को सदस्य देशों की संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से लॉन्च किए गए मिशन लाइफ की भी बात की। उन्होंने कहा कि यह एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था द्वारा प्रचलित ‘उपयोग और निपटान’ अर्थव्यवस्था को प्रतिस्थापित करने की कल्पना करता है।

2023 को संयुक्त राष्ट्र ने घोषित किया अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष
-जयशंकर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2023 को संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है। इस संदर्भ में भारत खाद्य संकट का मुकाबला करने के लिए एससीओ सदस्यों के साथ अधिक सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है।

-उन्होंने बताया कि एससीओ सदस्यों के साथ हमारा कुल व्यापार केवल 141 अरब डॉलर का है, जिसके कई गुना बढ़ने की संभावना है। उचित बाजार पहुंच हमारे पारस्परिक लाभ के लिए है और आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है।

-साथ ही विदेश मंत्री ने मोरबी त्रासदी में जान गंवाने वालों के प्रति सदस्य देशों की व्यक्त संवेदना के प्रति आभार व्यक्त किया।

उल्लेखनीय है कि सालाना आयोजित एससीओ-सीएचजी बैठक संगठन के व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर केंद्रित है और इसके वार्षिक बजट को मंजूरी देती है। भारत इस क्षेत्र में विभिन्न एससीओ गतिविधियों व संवाद तंत्रों के साथ-साथ एससीओ ढांचे के भीतर अन्य बहुपक्षीय सहयोग में सक्रिय रूप से लगा हुआ है।

बैठक में एससीओ के सदस्य देश, पर्यवेक्षक देश, एससीओ के महासचिव, एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (आरएटीएस), तुर्कमेनिस्तान के कार्यकारी निदेशक और अन्य आमंत्रित अतिथि शामिल हुए।

शंघाई सहयोग संगठन एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन है। भौगोलिक क्षेत्र और जनसंख्या की दृष्टि से यह विश्व का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है। चीन, भारत, कजाखस्तान, किर्गिज़स्तान, पाकिस्तान, रूस तजाकिस्तान और उज़्बेकिस्तान इसके सदस्य हैं।

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