प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल का विस्तार इसी हफ्ते कर सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी में शीर्ष स्तर पर इसे लेकर मंथन जारी है। इस विस्तार में करीब 22 नए मंत्रियों को शामिल किए जाने की संभावना है। इससे अतिरिक्त प्रभार के साथ ही एक से ज्यादा मंत्रालय संभाल रहे मंत्रियों की तनाव कम होगी। मंत्रिमंडल विस्तार में 2022 में होने वाले पांच राज्यों के चुनावों का विशेष ध्यान रखा जा जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार मंत्रिमंडल का विस्तार 7 जुलाई या उसके बाद के कुछ दिनों में किया जा सकता है। विस्तार में सहयोगी दलों को शामिल कर एनडीए को मजबूती देने की बात भी कही जा रही है। इसलिए विस्तार में जनता दल यूनाइटेड को भी शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही अन्नाद्रमुक, अपना दल को भी अवसर दिया जा सकता है।
79 तक हो सकती है मंत्रियों की संख्या
बता दें कि मोदी सरकार बनी थी तो कुल 57 मंत्री बनाए गए थे। इनमें 24 कैबिनेट, 9 स्वतंत्र प्रभार और 24 राज्यमंत्री शामिल थे। इनमें से कई मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालय हैं। शिवसेना और अकाली दल के अलग के होने और रामविलास पासवान के निधन के बाद कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 21 रह गई है। इसके साथ ही एक राज्यमंत्री का भी निधन हो गया है। इस तरह अभी कुल 53 मंत्री ही हैं, जबकि संविधान के अनुसार मंत्रियों की संख्या 79 तक हो सकती है। पिछले एक साल में कोरोना के कारण मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया है।
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इन नामों पर चर्चा
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, उनमें असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वदानंद सोनोवाल, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, बैजयंत पांडा, राकेश सिंह, नारायण राणे, हिना गावित, संध्या दुग्गल, जदयू नेता आरसीपी सिंह, ललन सिंह और संतोष कुमार आदि शामिल हैं।