जनता भरे, ठेकेदार मजा करे!

महाविकास आघाड़ी सरकार जहां बातों से लोगों को बहला रही है, वहीं बीजेपी इसे राजनैतिक मुद्दा बनाकर सड़क पर आंदोलन कर रही है। दूसरी तरफ मनपा के मलनिसारण विभाग के ठेकेदार को शून्य बिजली बिल भेजे जाने से अनेक तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं।

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मुंबई में बढ़े हुए बिजली बिल ने उपभोक्ताओं का ब्लड प्रेशर बढ़ा दिया है। लाख तकरार और शिकायतों के बावजूद उन्हें बढ़े हुए बिल में कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। महाविकास आघाड़ी सरकार जहां बातों से लोगों को बहला रही है, वहीं बीजेपी इसे राजनैतिक मुद्दा बनाकर सड़क पर आंदोलन कर रही है। दूसरी तरफ मनपा के मलनिसारण विभाग के ठेकेदार को शून्य बिजली बिल भेजे जाने से अनेक तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं।

बीएमसी ठेकेदार को देती है 1 लाख 75 हजार रुपए
बीएमसी के मलनिसारण विभाग के अंतर्गत आनेवाले दादर सेनापति बापट मार्ग स्थित कार्यालय में मलनिसारण विभाग के ठेकेदार को लॉकडाउन के दौरान भी बिजली बिल को लेकर कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां ठेकेदार द्वारा गाद सुखाने के लिए मशीन भी लगाई गई है। इसके लिए महानगरपालिका की ओर से हर माह ठेकेदार को एक लाख 75 हजार रुपए दिया जाता है। लेकिन बिजली बिल शून्य आने के बावजूद ठेकेदार पैसा अपनी जेब में रखकर मजे कर रहा है। हालांकि ऐसा नहीं है कि यहां हमेशा बिजली बिल शून्य ही आता है।

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बिजली बिल पर एक नजर
बेस्ट उपक्रम ने महानगरपालिका मलनिसारण कार्यशाला यानी बीएमसी वॉटर सिवेज वर्कशॉप को जुलाई में बिजली बिल 71 हजार रुपए, अगस्त में 81 भेजा था, जबकि सितंबर में मात्र 20 हजार 750 रुपए ही आया, वहीं अक्टूबर में 54 हजार 440 रुपए का बिल भेजा गया।

लोग उठा रहे हैं सवाल
एक तरफ कोरोना काल में लागू किए गए लॉकडाउन में मुंबईकर बढ़े हुए बिजली बिल के झटके से अभी भी उबर नहीं पाए हैं तो दूसरी तरफ दादर मलनिसारण और उसके गाद को सुखाने के लिए लगाई गई हेवी मशीन के बिजली बिल पहले की अपेक्षा कम आने से  उस पर लोगों की टेढ़ी नजर लग गई है। यहां मल निसारण के दौरान निकलनेवाले गाद सुखाने की मशीन भी लगाई गई है, जिसका बिल ठेकेदार को भरना होता है। इसके लिए बीएमसी उसे अलग से एक लाख 75 हजार रुपए देती है। यहां तक कि कंपनी का बिजली मीटर भी बीएमसी सिवेज वर्कशॉप के नाम से लगाया गया है।

क्या कहते हैं बीएमसी अधिकारी?
बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि यहां सौर एनर्जी मशीन लगाने के कारण बिजली बिल कम आता है। लेकिन बिजली बिल कम आने के बावजूद ठेकेदार द्वारा हर माह बीएमसी के 1 लाख 75 हजार रुपए अपनी जेब में डाले जाने से बीएमसी को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बारे में जानने के लिए हिंदुस्थान पोस्ट ने मलनिसारण विभाग के प्रमुख अभियंता सतीश चव्हाण से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिनउन्होंने छुट्टी पर होने के कारण इस बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया।

 

 

 

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