7 टू 10 नो चुनावी टनटन! बंगाल में चुनाव आयोग का आया नया दिशानिर्देश!

केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में चुनाव कराया जा रहा है। इसके पीछे पश्चिम बंगाल में होनेवाली राजनीतिक हिंसा को नियंत्रित करने और पारदर्शी मतदान की कोशिश है। लेकिन कोरोना के संकट का साया राज्य की अनियंत्रित रैलियों से गंभीर रूप लेकर मंडराने लगा है।

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पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण तेजी से पसर रहा है। पिछले दो महीनों से भी अधिक समय से चल रही नेताओं की रस्साकशी 2 मई को अपनी परिणाम दिखाएगी। लेकिन उसके पहले कोरोना ने अपने रंग दिखाने शुरू कर दिये हैं। जिसकी गंभीरता अस्पतालों के कोविड वॉर्ड में देखी जा सकती है। इसके बाद निर्वाचन आयोग ने बैठक की और घोषणा की है कि, सायं 7 बसे से सबेरे 10 बजे के बीच कोई चुनावी कार्यक्रम नहीं किया जा सकता है।

पश्चिम बंगाल में आगले तीन चरणों में होनेवाले चुनाव प्रचार के लिए प्रशासन मुस्तैद है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोविड मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए निर्वाचन आयोग के आठ चरणों में मतदान कराने के निर्णय की निंदा कर चुकी हैं। वे अभी भी कह रही थीं कि बाकी के चार चरणों के मतदान एक साथ ही कराने का निर्णय लेना चाहिए। इसको लेकर निर्वाचन आयोग ने बैठक की और उसके बाद महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं।

  • सायं 7 बजे से सबेरे 10 बजे के बीच कोई प्रचार नहीं
  • मतदान के 72 घंटे पहले थम जाएगा चुनाव प्रचार

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पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसाओं और तृणमूल नेताओं और अन्य राजनीतिक पार्टियों के हिंसक रूप को देखते हुए निर्वाचन आयोग कोई संकट मोल लेना नहीं चाहता। लेकिन इसकी नेक मंशा में कोरोना ने नजर लगा दी है। राज्य में साढ़े छह हजार से अधिक संक्रमित सामने आ रहे हैं।

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