कोरोना लहर के बीच मतदान कराने और दिशानिर्देशों के खुले उल्लंघन से निर्वाचन आयोग को उच्च न्यायालय की टिप्पणियों का सामना करना पड़ा है। मद्रास उच्च न्यायालय ने तो स्पष्ट किया है कि कोविड 19 दिशानिर्देशों का पालन मतगणना में कैसे कराएंगे इसको लेकर स्पष्ट ब्लू प्रिंट प्लान लेकर आएं अन्यथा मतगणना को रोक दिया जाएगा। उच्च न्यायालय के इन आदेशों और कोविड 19 संक्रमण से बिगड़ रही परिस्थितियों से निपटने के लिए चुनाव आयोग ने कदम उठाने शुरू कर दिये हैं। आयोग ने स्पष्ट आदेश दिया है कि मतगणना के लिये जो भी आएंगे उन्हें अपनी कोविड 19 की निगेटिव रिपोर्ट लेकर आनी होगी या दोनों टीका लगवाने का सर्टिफिकेट दिखाना होगा। इस संबंध में एक दिशानिर्देश भी निर्वाचन आयोग की ओर से जारी किया गया है।
देश में निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त संस्था है। जिसका अधिकार है देश में सभी मतदान कराना। पांच राज्यों में चुनाव, कुछ स्थानों पर उप चुनाव और पंचायत चुनाव हो रहे हैं। यह पूरा कार्यक्रम कोरोना की लहर के मध्य ही हो रहा है। देश में कई राज्य कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हैं। इस बीच हो रहे चुनावों के कारण परिस्थितियां बिगड़ी हैं। जिस पर मद्रास उच्च न्यायालय ने और इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सुनवाई की और इसका कोपभाजन निर्वाचन आयोग के झेलना पड़ा है।
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निर्वाचन आयोग ने 2 मई को होनेवाली मतगणना में प्रवेश के लिए कोविड 19 की रिपोर्ट निगेटिव होनी आवश्यक कर दी है। जिनके पास यह नहीं होगा उन्हें दोनों टीका लगवाने का सर्टिफिकेट दिखाना आवश्यक होगा। इस विषय में आयोग ने एक दिशानिर्देश जारी किया है। जिसमें सुरक्षा को देखते हुए कई निर्देश दिये गए हैं जिनका पालन आवश्यक है।
- 30 अप्रैल या 1 अप्रैल को उम्मीदवार और मतगणना एजेंट की हुई कोविड 19 की निगेटिव रिपोर्ट आवश्यक, इस संदर्भ में व्यवस्था उपलब्ध करवाने का जिला निर्वाचन अधिकारी को आदेश
- बुखार या सर्दी जैसे लक्षण होने पर मतगणना स्थल पर प्रवेश निषिद्ध
- मास्क, सैनिटाइजर, फेस शील्ड, ग्लव्स सभी सुरक्षा और मतगणना कर्मी को अनिवार्य
- मतगणना स्थल बड़ा होना अनिवार्य जिससे सोशल डिस्टेन्सिग का पालन हो
- मतगणना के पहले मतगणना स्थल और ईवीएम या वीवीपैट मशीनों का सैनिटाइजेशन आवश्यक
- उम्मीदवार और मतगणना एजेंट को पीपीई किट पहनना होगा
- अतिरिक्त रिटर्निंग ऑफिसर लगाए जाएं आवश्यक जो पोस्टल बैलट की गणना का निरिक्षण कर पाएं
- जिला चुनाव अधिकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग से कोविड 19 दिशानिर्देशों के पालन का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य
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न्यायालय का आदेश
मद्रास उच्च न्यायालय ने निर्वाचन आयोग पर टिप्पणी करते हुए साफ कहा था कि वह मतदान प्रक्रिया में कोरोना दिशानिर्देशों का पालन कराने में असफल रहा है। इससे राज्यों में कोरोना संक्रमण बढ़ा है। इसके लिए उसके अधिकारियों पर क्यों न हत्या का मामला दर्ज कराया जाए। न्यायालय ने 30 अप्रैल को होनेवाली अपनी अगली सुनवाई में मतगणना में कोरोना दिशानिर्देशों का कैसे पालन होगा इस पर ब्लू प्रिंट पेश करने को कहा है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी निर्वाचन आयोग को कड़े निर्देश दिये हैं। न्यायालय ने निर्देश दिया है कि पंचायत चुनाव के अंतिम चरण में वह कोरोना दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करे।
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