Election Commission: ज्ञानेश कुमार के सीईसी रहते हुए 100 दिन पूरे, जानिये क्या रहीं उपलब्धियां

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के तौर पर ज्ञानेश कुमार को कार्यभार संभाले हुए 100 दिन हो गए हैं। चुनाव आयोग (ईसीआई) ने 26वें सीईसी के नेतृत्व में इस दौरान चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने और मतदाता सुविधा को बढ़ाने के लिए 21 नई पहलें शुरू की हैं।

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Election Commission: मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के तौर पर ज्ञानेश कुमार को कार्यभार संभाले हुए 100 दिन हो गए हैं। चुनाव आयोग (ईसीआई) ने 26वें सीईसी के नेतृत्व में इस दौरान चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने और मतदाता सुविधा को बढ़ाने के लिए 21 नई पहलें शुरू की हैं। इनका उद्देश्य चुनाव प्रबंधन को सरल बनाना और मतदाता अनुभव को बेहतर करना है।

चुनाव आयोग का कहना है कि सीईसी ज्ञानेश कुमार के कार्यभार ग्रहण करने के बाद से पहले 100 दिनों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

-चुनाव आयोग ने मतदान केंद्रों पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1,500 से घटाकर 1,200 कर दी है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों, जैसे गेटेड समुदायों और ऊंची इमारतों में अतिरिक्त मतदान बूथ स्थापित किए जाएंगे। आयोग का लक्ष्य है कि कोई भी मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए 2 किलोमीटर से अधिक यात्रा न करे।

-मतदाता सूचना स्लिप को स्पष्टता के लिए फिर से डिज़ाइन किया गया है। इसमें क्रमांक और भाग संख्या की दृश्यता को बढ़ाया गया है। मतदाताओं की सुविधा के लिए हर मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार पर मोबाइल जमा सुविधा स्थापित की जाएगी। अब उम्मीदवारों द्वारा सेटअप किए गए बूथ मतदान केंद्र के प्रवेश से 100 मीटर के दायरे के ठीक बाद भी स्थापित किए जा सकेंगे।

-सरल उपयोगकर्ता इंटरफेस के लिए एक नया एकीकृत डैशबोर्ड- ईसीआईनेट विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य सभी हितधारकों के लिए सभी सेवाओं को एक ही स्थान पर उपलब्ध कराना है। कुछ मॉड्यूल वर्तमान उपचुनावों में उपलब्ध होंगे और बिहार विधानसभा चुनाव के समय पूरा डैशबोर्ड विभिन्न हितधारकों के लिए उपलब्ध होगा।

-ईसीआई ने मृतक पंजीकरण डेटा को सीधे रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया से एकीकृत करने की शुरुआत की है। इससे मृत मतदाताओं को समय पर और सत्यापित तरीके से मतदाता सूची से हटाया जा सकेगा। बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) की भूमिका इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण होगी।

-उपचुनाव से पहले विशेष सारांश संशोधन किया गया है। यह उपचुनाव से पहले किया गया पहला ऐसा अभ्यास है। राजनीतिक हितधारकों के साथ नियमित बातचीत को संस्थागत बनाने के लिए ईसीआई ने देशभर में 4,719 बैठकें आयोजित की हैं। इनमें 28 हजार से अधिक राजनीतिक पार्टी प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

-ईसीआई ने बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ), बीएलओ पर्यवेक्षकों और बूथ स्तर के एजेंटों (बीएलए) के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार किया है। 3,500 से अधिक बीएलओ/बीएलओ पर्यवेक्षकों को भारत अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन संस्थान में प्रशिक्षित किया गया है।

-जुलाई के मध्य तक लगभग 6 हजार और बीएलओ/बीएलओ पर्यवेक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। विशेष ध्यान उन राज्यों पर दिया जाएगा जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सभी बीएलओ को मानकीकृत फोटो पहचान पत्र जारी किए जाएंगे।

-ईसीआई ने मीडिया अधिकारियों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम भी आयोजित किया है। इसके अलावा, बिहार के पुलिस अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए हैं। निर्वाचन प्रक्रिया के विभिन्न हितधारकों के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण ढांचा विकसित किया गया है।

-इन पहलों में अन्य सुधारों में बायोमेट्रिक उपस्थिति लागू करना, ई-ऑफिस प्रणाली को सक्रिय करना और नियमित सीईओ स्तर की समीक्षा बैठकें शामिल हैं। ईसीआई ने नई दिल्ली में कानूनी सलाहकारों का राष्ट्रीय सम्मेलन भी आयोजित किया।

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100 दिनों में शुरू की गई पहलें
चुनाव आयोग की ओर से पिछले 100 दिनों में शुरू की गई पहलें हैं- मतदान केंद्र पर अधिकतम मतदाता संख्या 1200, उच्च इमारतों/ कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान बूथ, मृत्यु पंजीकरण डेटा का एकीकरण, मतदाता सूचना स्लिप में सुधार, मोबाइल जमा सुविधा, अखिल भारतीय सर्वदलीय बैठकें, राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों के साथ बैठकें, बीएलए के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम, चुनावी प्रचार के लिए दूरी मानदंड में छूट, एकीकृत डैशबोर्ड – ईसीआईनेट, डुप्लिकेट ईपीआईसी संख्या का समाधान, मतदाता सूची व चुनाव का संचालन में 28 हितधारकों की पहचान, प्रशिक्षण प्रस्तुतियाँ, कानूनी ढांचे का पुनर्संरचना, मानकीकृत फोटो आईडी कार्ड, क्षमता निर्माण कार्यक्रम, मीडिया अधिकारियों के लिए ओरिएंटेशन, बिहार पुलिस अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण, बायोमेट्रिक उपस्थिति का कार्यान्वयन, ई-ऑफिस का रोलआउट, और नियमित सीईओ बैठकें।

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