Mumbai Politics: मुंबई महानगरपालिका पर प्रभुत्व हासिल करने के लिए शिंदे गुट की रणनीति अब सीधे तौर पर लागू हो रही है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद मैदान में उतरे हैं और शिवसेना (शिंदे गुट) के नियंत्रण वाले विधानसभा क्षेत्रों में लंबित कामों की समीक्षा शुरू कर दी है। शिंदे ने सरकारी एजेंसियों को समस्याओं के समाधान के लिए स्पष्ट आदेश दिए हैं और चुनाव की तैयारियों में तेजी ला दी है।
कुर्ला और चांदीवली पर विशेष फोकस
शिंदे ने सीधे तौर पर कुर्ला विधानसभा क्षेत्र के विधायक मंगेश कुडालकर के क्षेत्र में लंबित कामों को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में स्थानीय परियोजनाओं, विकास कार्यों, नागरिक समस्याओं पर चर्चा की गई और तत्काल निर्णय लेने के आदेश दिए गए।
इसी तरह उपमुख्यमंत्री ने चांदीवली विधानसभा क्षेत्र के विधायक दिलीप लांडे के क्षेत्र में लंबित कामों पर भी फोकस किया है। इससे इस निर्वाचन क्षेत्र में काम में तेजी आने की संभावना बन गई है।
शिंदे गुट ने महानगरपालिका चुनाव को ध्यान में रखते हुए ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। ठाकरे गुट की तुलना में अधिक नगरसेवक निर्वाचित करने के लिए विकास कार्यों में तेजी लाने के प्रयास चल रहे हैं। भाजपा-शिंदे गुट का मानना है कि शिंदे के शिवसेना निर्वाचन क्षेत्र में काम की गति बढ़ने से स्थानीय लोगों में खुशी की लहर दौड़ेगी और इसका सीधा लाभ उन्हें आगामी चुनाव में मिलेगा।
मुंबई महानगरपालिका चुनाव शिवसेना गुटों के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई है! इसलिए शिंदे गुट किसी भी तरह सत्ता हासिल करने की तैयारी में दिख रहा है। एकनाथ शिंदे ने खुद प्रशासन का हाथ थामकर विकास कार्यों के जरिए मतदाताओं के बीच विश्वास बनाने की मुहिम शुरू की है। इस रणनीति से ठाकरे गुट के लिए आगामी लड़ाई और भी मुश्किल होने की संभावना है।
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