बढ़ रही है शिंदे की शक्ति, इन तीन विधायकों ने भी किया समर्थन!

उद्धव ठाकरे ने अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की तरह शिवसैनिकों से भावनात्मक सहानुभूति प्राप्त करने की कोशिश की, लेकिन वह बेअसर साबित हो गया।

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महाराष्ट्र में राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। भाजपा शासित असम की राजधानी गुवाहाटी स्थित रेडिसन ब्लू होटल में डेरा डाले बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे का समर्थन तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच शिंदे ने अपने साथ 48 विधायक होने का दावा किया है।

मिली जानकारी के अनुसार 22 जून की देर रात जहां चार और विधायकों का एकनाथ शिंदे को समर्थन मिला , वहीं 23 जून को तीन और विधायक गुवाहाटी के होटल में पहुंच गए। इनमें आशीष जायसवाल, दीपक केसरकर, सदा सरवणकर  शामिल हैं।

शिंदे की बढ़ रही है शक्ति
एकनाथ शिंदे को मिल रहे शिवसेना विधायकों के समर्थन के कारण मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी के साथ ही पार्टी के भी हाथ से निकलने का खतरा पैदा हो गया है। इस आशंका को तब बल मिला, जब 22 जून को शिंदे ने शिवसेना के व्हिप पर सवाल उठाते हुए नया व्हिप जारी कर दिया। इतना ही नहीं, बागी विधायकों ने उन्हें शिवसेना के विधायक दल का नेता भी चुन लिया।

कई पदाधिकारी और सांसद भी संपर्क में
शिंदे की शक्ति जहां तेजी से बढ़ रही है और कई पार्टी विभाग प्रमुखों के साथ ही सांसदों के भी उनके संपर्क में होने की जानकारी मिल रही है, वहीं उद्धव ठाकरे की ताकत हर पल कम होती दिख रही है।

उद्धव ठाकरे की भावनात्कमक अपील
उद्धव ठाकरे ने अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की तरह शिवसैनिकों से भावनात्मक सहानुभूति प्राप्त करने की कोशिश की, लेकिन वह भी बेअसर साबित हो गया। उन्होंने जहां सरकारी आवास वर्षा को छोड़ दिया और अपने निजी आवास मातोश्री में आ गए, वहीं पार्टी के साथ ही मुख्यमंत्री की कुर्सी भी छोड़ने की इच्छा व्यक्त की।

बालासाहेब ने ऐसे बचाई थी पार्टी
बता दें कि 1992 में इसी तरह के संकट के समय बालासाहेब ठाकरे ने शिवसेना छोड़ने की बात कह कर पार्टी को बगावत से बचा लिया था। उस समय उनके साथी माधव देशपांडे ने पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे।

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