क्यों बदले एकनाथ के ‘नाथ’?

एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने खड़से के एनसीपी में शमिल होने का आधिकारिक ऐलान करते हुए बताया कि वो शुक्रवार को एनसीपी में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से एनसीपी में शामिल हो रहे हैं, यह हमारे लिए खुशी की बात है। उन्हें पार्टी में क्या जगह दी जाएगी, इस बारे में बाद में फैसला किया जाएगा।

146

काफी दिनों से पार्टी में हाशिये पर चल रहे बीजेपी के नाराज नेता ‘एकनाथ’ खड़से ने अपना ‘नाथ’ बदलने की घोषणा कर दी है। उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। वे शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे। महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले काफी दिनों से उनके एनसीपी में शामिल होने की चर्चा गरम थी। आखिरकार बुधवार को इस बारे में आधिकारिक घोषणा कर उन्होंने इस चर्चा के सच होने पर पर मुहर लगा दी। ओबीसी के कदावर नेता माने जानेवाले खड़से के पार्टी छोड़ने से बीजेपी को जोर का झटका लगा है।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजा इस्तीफा
खड़से ने अपना इस्तीफा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील को भेजा है। वे फडणवीस सरकार में राजस्व मंत्री रह चुके हैं। खड़से की बहू रक्षा खड़से को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन एकनाथ खड़से ने कहा है कि रक्षा बीजेपी नहीं छोड़ेगी।

ये भी पढ़ेंः आतंक के घर धमाका, कराची में तीन लोगों की मौत

जयंत पाटिल ने की आधिकारिक घोषण
एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने खड़से के एनसीपी में शमिल होने का आधिकारिक ऐलान करते हुए बताया कि वो शुक्रवार को एनसीपी में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से एनसीपी में शामिल हो रहे हैं, यह हमारे लिए खुशी की बात है। उन्हें पार्टी में क्या जगह दी जाएगी, इस बारे में बाद में फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता खड़से ने दशकों तक बीजेपी के लिए काम किया। उन्होंने स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे के साथ भी काम किया। अब वो बीजेपी छोड़ रहे हैं और एनसीपी में शामिल होंगे।

खड़से के कई समर्थक भी होंगे एनसीपी में शामिल
खड़से के साथ ही बीजेपी के कई और नेता- कार्यकर्ता के भी एनसीपी में शामिल होने की चर्चा है। इस बारे में जयंत पाटिल ने कहा, कि और भी कई नेता एनसीपी में शामिल होना चाहते हैं। इस बारे में पार्टी निर्णय लेगी। फिलहाल खड़से से इस बारे में ज्यादा बातचीत नहीं हुई है लेकिन यह तय है कि उनके समर्थक एनसीपी मे शामिल होंगे।

पार्टी और सरकार में उनकी भूमिका तय नहीं
पाटिल ने कहा कि राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार पांच साल चलेगी, इसमें कोई दो राय नहीं है। हम खड़से से बात कर पार्टी और सरकार में उनकी भूमिका तय करेंगे। उन्होंने कहा कि जब बीजेपी की महाराष्ट्र में कोई ताकत नहीं थी तो खड़से ने पार्टी को आगे बढ़ाया। लेकिन आज उन्होंने उस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

शरद पवार ने दिया था संकेत
मंगलवार को ही एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा था कि खड़से को वहां जाना चाहिए, जहां उनके काम की तारीफ हो। उन्होंने कहा था कि खड़से नेता प्रतिपक्ष रहे हैं और उन्होंने भाजपा को स्थापित करने में अहम रोल निभाया है। अगर किसी की कड़ी मेहनत का फल नहीं मिलेगा तो वो परेशान और नाराज तो होगा ही। खड़से को यह सोचना चाहिए कि वो उस पार्टी में क्यों नहीं शामिल हो जाएं, जहां उनके काम की प्रशंसा हो।

कृषि मंत्री बनाए जाने की चर्चा
मिली जानकारी के मुताबिक उन्हें राज्यपाल द्वारा मनोनीत विधान परिषद सदस्य बनाने के बाद एनसीपी के कोटे से सरकार में शामिल किया जाएगा। कहा जा रहा है कि उन्हें महाराष्ट्र सरकार में कृषि मंत्री बनाया जाएगा।

देवेंद्र फडणवीस ने कसा था तंज
खड़से के काफी समय से बीजेपी छोड़ने की चर्चा चल रही थी। इस बारे में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तंज कसते हुए हाल ही में कहा था कि इस तरह के मुहूर्त के बारे में हर दिन बात होती है। इस बारे में मैं कुछ नही्ं बोलना चाहता।

गायकवाड़ दबंग ओबीसी नेता
एकनाथ गणपतराव खड़से ओबीसी के दबंग नेता माने जाते हैं और वे मुक्ताई नगर सीट से जीतते रहे हैं। वे महाराष्ट्र के राजस्व विभाग के मंत्री थे। इससे पहले 2014 से 2016 तक वे महाराष्ट्र के कृषि मंत्री थे। 2009 से 2014 तक वे महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। 2016 में उन्हें पद के दुरुपयोग करने को लेकर मंत्री पद से त्याग पत्र देना पड़ा था। उन्हें मुख्यमंत्री का प्रबल दावेदार माना जाता था। लेकिन पार्टी ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाने का निर्णय ले लिया। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में उन्हें भाजाप ने उम्मीदवारी नहीं दी। हालांकि उनकी बेटी रोहिणी खड़से-खेवलकर को उम्मीदवारी दी गई थी। शिवसेना के चंद्रकांत पाटिल ने रोहिणी को 1989 वोटों से हरा दिया था। टिकट नहीं मिलने की वजह से नाराज खडसे ने आरोप लगाया था कि फडणवीस और गिरीश महाजन के कारण उनको टिकट नहीं दिया गया।

एनसीपी बढ़ाना चाहती है अपनी ताकत
इन दिनों एनसीपी में दूसरी पार्टी के नेताओं की भर्ती जोर-शोर से शुरू होने की बात कही जा रही है।इसका कारण यह बताया जा रहा है कि वह महाराष्ट्र में अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश जी जान से कर रही है। पार्टी को भरोसा है कि खडसे जैसे दबंग ओबीसी नेता के आने से उसकी ताकत काफी बढ़ेगी और अगर भविष्य में कभी मध्यावधि चुनाव की नौबत आई तो एनसीपी अपने दम पर ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। चर्चा यह भी है कि पार्टी सुप्रीमो शरद पवार चाहते हैं कि पिछले कुछ सालों में जिन एनसीपी नेताओं ने पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है, उनकी भी घर वापसी कराई जाए। पवार साहब की इच्छा पूर्ति के लिए पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं द्वारा प्रयास किए जाने की बात कही जा रही है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.