सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर महाराष्ट्र सरकार ने कहा, लोकतंत्र की जीत हुई है

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 11 मई को महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीत करार दिया।

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ ने शिवसेना (Shiv Sena) की बगावत मामले में फैसला सुना दिया है। मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की सरकार को फिर से बहाल करने से इनकार दिया था। कोर्ट ने राज्यपाल और स्पीकर के फैसले को लेकर कई प्रतिकूल टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सीएम एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Deputy CM Devendra Fadnavis) ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का आभार माना।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा जो लोग कयास लगाते थे कि हमारी सरकार गिर जाएगी, उन्हें आज करारा जवाब मिल गया है। महाविकास आघाड़ी की उम्मीदों पर पानी फिर गया। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार पूरी तरह से संवैधानिक है। आगे फडणवीस ने कहा हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। फैसले को जनता की जीत बताते हुए बीजेपी नेता ने कहा शिंदे गुट के विधायकों को पूरा अधिकार है।

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उद्धव नैतिकता का पाठ न पढ़ाएं: फडणवीस
यह सरकार पूरी तरह से नियम कानून के मुताबिक बनी है। उद्धव बताएं कि जब वे चुनाव में हमारे साथ आए और दूसरी पार्टी के साथ सरकार बनाई तो उनकी नैतिकता कहां गई। उद्धव को नैतिकता का पाठ मत पढ़ाओ। एकनाथ शिंदे की नियुक्ति कानूनी तौर पर हुई थी, कोर्ट ने इसे मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि स्टेटस वापस नहीं लिया जा सकता है। उद्धव दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन सकते।

सत्य की विजय हुई है: सीएम शिंदे
सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला लोकतंत्र के पक्ष में फैसला है। सत्य की जीत हुई है। हमने जो सरकार बनाई वह नियम-कायदों के मुताबिक बनी थी। आज सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे मंजूरी दे दी है। लोग चिल्ला रहे थे कि यह अवैध सरकार है, लेकिन आज कोर्ट ने अपने फैसले से उन्हें तमाचा जड़ दिया है। कोर्ट ने जो फैसला सुनाया था, वह अपेक्षित था। चुनाव आयोग ने हमें नाम और सिंबल भी दिया। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। अगर उद्धव पहले नैतिकता की बात करते तो शिवसेना-भाजपा की सरकार उसी समय बन जाती। लेकिन, सत्ता और कुर्सी के लिए नैतिकता को पीछे छोड़ दिया।

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