नागपुर में चल रहे शीत सत्र में मौसम भले ही ठंडा हो लेकिन सदन के अंदर वातावरण एकदम गरमा गरम बना हुआ है। बुधवार को अब्दुल सत्तार की बेटी की नौकरी को लेकर विरोधी पक्ष नेता अजीत पवार ने प्रहार किया, जिस पर आवेशित उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल की पेटी खोल दी। जिससे इस मुद्दे को लेकर सदन में दंगल मच गया और विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।
टीईटी (टीचर्स इलीजिबिलिटी टेस्ट) परीक्षा में भ्रष्टाचार का मुद्दा लंबे काल से चर्चा में है। इसमें एक आरोप वर्तमान युति सरकार के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार के परिवार पर लग रहा है। जिसमें मंत्री के पुत्री की शिक्षिका के रूप में नियुक्ति टीईटी भ्रष्टाचार का हिस्सा होने का आरोप विपक्ष कर रहा है। विरोधी पक्ष नेता अजीत पवार ने इस विषय में संलिप्तता का आरोप करते हुए अब्दुल सत्तार के त्यागपत्र की मांग की है। इस चर्चा के बीच सदन का वातावरण गरमा गया था। जिस पर उप मुख्यमंत्री देवेंद्र पडणवीस ने उसी भाषा में उत्तर देते हुए महाविकास आघाड़ी के सत्ताकाल की पोल खोल दी।
क्या कहा देवेंद्र फडणवीस ने?
उप मख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूछा कि, टीईटी भ्रष्टाचार किसके काल में हुआ? किसकी सरकार उस काल में थी? महाविकास आघाड़ी की सरकार के समय लाखो युवकों को डुबाने वाला टीईटी भ्रष्टाचार हुआ था। जिसमें सनदी अधिकारी समेत बहुत सारे लोग सम्मिलित थे। इस प्रकरण में मंत्रालय के अधिकारियों की गिरफ्तारी भी हुई।
सत्तार को क्लीन चिट
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, टीईटी भ्रष्टाचार को लेकर अब्दुल सत्तार पर आरोप लगाया जा रहा है, लेकिन उनकी किसी भी पुत्री कि नियुक्ति टीईटी के अंतर्गत नहीं हुई है। इस पर टीईटी आयुक्त ने भी स्पष्टीकरण दे दिया है। परंतु, यहां किसी भी मंत्री पर बेलगाम आरोप करने की आदत है।
यह पहला विपक्ष है जो अपनी सत्ता के कार्यकाल का भ्रष्टाचार बाहर निकाल रहा है। बम-बम बोलकर लौंगी पटाखा भी इन्हें नहीं मिला। अपात्र कंपनी को पात्र करके टीईटी परीक्षा किसने ली?
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