तमिलनाडु चुनावों में एआईएडीएमके-भाजपा गठबंधन से एक साथी ने अपने को अलग कर लिया है। यह निर्णय सीट बंटवारे के फेल होने के बाद लिया गया है। इस संबंध में डीएमडीके के मुखिया विजयकांत ने घोषणा की है।
डीएमडीके (देसिया मरपोक्कु द्रविड़ कजगम) के मुखिया विजयकांत ने बताया कि, आगामी तमिलनाडु विधान सभा चुनाव 2021, के लिए डीएमडीके ने एआईएडीएमके से सीट बंटवारे को लेकर तीन बार बैठकें कीं। लेकिन एआईएडीएमके डीएमडीके की मांगों के अनुसार सीटें देने के लिए तैयार नहीं था। इसलिए सीट बंटवारे की चर्चा किसी निर्णय तक नहीं पहुंच पाई। ऐसी स्थिति में डीएमडीके जिला सचिव इस निर्णय पर पहुंचे हैं कि डीएमडीके ने एआईएडीएमके से गठबंधन तोड़ने का निर्णय लिया है।
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क्या थी मांग?
तमिलनाडु में 6 अप्रैल को विधान सभा चुनाव होने हैं। मिली जानकारी के अनुसार एआईएडीएमके, डीएमडीके को 15 सीटें देने को तैयार थी। जबकि डीएमडीके 23 सीटें मांग रही थी। एआईएडीएमके और डीएमडीके के बीच हुई पहली बैठक में डीएमडीके में 41 सीटों की मांग की थी। लेकिन अगली बैठकों में वह 23 सीटों की मांग पर अड़ गई थी।
ऐसा रहा है डीएमडीके का प्रदर्शन
डीएमडीके को 2011 के चुनाव में 7.8% मत मिले थे। जो 2016 में 2.4% पर खिसककर नीचे आ गई थी। उस चुनाव में डीएमडीके को भारतीय जनता पार्टी से भी कम मत मिले थे।
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भाजपा को मिली इतनी सीटें
राज्य में एआईएडीएमके और भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन है। जिसमें भारतीय जनता पार्टी 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।