गरजे देवेंद्र! तुम्हारी सत्ता का बाबरी ढांचा गिराए बगैर नहीं रहूंगा

भाजपा द्वारा उत्तर भारतीय समाज के लिए आयोजित उत्तर सभा में अच्छी भीड़ उपस्थित थी। इस सभा में उत्तर भारतीय नेताओं ने अपनी पूर्ण शक्ति को लगा दी थी।

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कट्टर हिंदुत्व, बाबरी ढांचे के विध्वंस पर दावा और देवेंद्र फडणवीस पर प्रहार के मुद्दे तक सीमित हो गई मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सभा पर भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को उत्तर दिया। नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने उत्तर भारतीय सम्मेलन में गरजते हुए मुख्यमंत्री को चुनौती दी है कि, आपकी सत्ता का बाबरी ढांचा गिराए बिना नहीं बैठूंगा।

उत्तर भारतीयों की ‘उत्तर सभा’ का अर्थ ही बदला
भाजपा उत्तर भारतीय प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित उत्तर सभा में मुंबई के उत्तर भारतीय एकत्र हुए थे। यह सभा मुंबई महानगर पालिका चुनावों के लिए शहर के उत्तर भारतीय समाज को संगठित करने के उद्देश्य से था, इसीलिए इसका नाम भी ‘उत्तर सभा’ रखा गया था, परंतु एक दिन पहले शनिवार को शिवसेना की बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में हुई सभा का उत्तर देने के लिए इस सभा के आयोजन को देखा जाने लगा था।

मेरा राजनीतिक वजन कम कर सकते तो लेकिन…
देवेंद्र फडणवीस ने सभा में मुख्यमंत्री की मसखरी का सीधा उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री को मुझ पर कितना विश्वास है, आज मेरा भार 102 किलोग्राम है, जब मैं बाबरी गिराने गया था, उस समय मेरा भार 128 किलोग्राम था। मेरी पीठ में छूरा घोपकर आप (उद्धव ठाकरे) मेरा राजनीतिक वजन कम कर सकते हैं, लेकिन आप भी ध्यान में रखिये आपकी सत्ता का बाबरी ढांचा नीचे लाए बिना मैं भी शांत नहीं बैठूंगा।

ओवैसी को ललकारा
इसके साथ ही फडणवीस ने एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर भी हमला बोला।

मुख्यमंत्री ने फडणवीस पर साधा था निशाना
बीकेसी की सभा में मुख्यमंत्री ने देवेंद्र फडणवीस के कारसेवक के रूप में बाबरी विध्वंस में सम्मिलित होने के दावे पर खूब मसखरी की थी। उन्होंने कहा था कि, फडणवीस यदि ढांचे पर पैर भी रख देते तो ढांचा गिर जाता। तब इतने लोगों को उस पर चढ़ने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। सोचना चाहिए क्या दावा कर रहे हो? उस समय कितनी आयु रही होगी?

देश में एक ही बाघ
देवेंद्र फडणवीस ने बाघ होने के शिवसेना के दावे की भी खूब खबर ली। उन्होंने कहा कि, बाघ की फोटो लगाकर कोई बाघ नहीं बन जाता, उसके लिए छाती ठोंककर लड़ना पड़ता है, संघर्ष करना पड़ता है। शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे तो बाघ थे ही, परंतु अब देश में एक ही बाघ है, वह हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

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