महाराष्ट्र का विकास और जनता का हित सर्वोपरि: मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनके राज्य का विकास और जनता का हित ही सर्वोपरि है। उन्होंने कभी भी शिवसेना प्रमुख बालासाहेब के विचारों के साथ विश्वासघात नहीं किया बल्कि उनके विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुरुवार को विधानसभा सदन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वह संवैधानिक तौर पर बहुमत साबित कर मुख्यमंत्री बने हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि आपने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को डिनर प्लेट से उठाकर जेल में डाल दिया। नारायण राणे पर अपमान करने का आरोप लगाया था। पिछले साल 24 अगस्त को तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का अपमान करने के आरोप में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मुख्यमंत्री ने आज अपने भाषण में उस घटना का जिक्र किया और उद्धव ठाकरे और विपक्षी दलों की आलोचना की।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘जब मैं नीति आयोग की बैठक में गया तो वहां कई मुद्दे उठाए। मेरी आलोचना हुई, क्योंकि मैं तीसरी पंक्ति में सबसे पीछे खड़ा था लेकिन पंक्ति महत्वपूर्ण नहीं है, काम महत्वपूर्ण है। मैं राष्ट्रपति के कार्यक्रम में गया, मैं पहली पंक्ति में था। मैंने बात नहीं की। मैं इंदिरा गांधी का प्रशंसक था, उन्होंने बहुत अच्छा काम किया लेकिन वर्तमान प्रधान मंत्री ने देश को पूरी दुनिया में प्रसिद्ध कर दिया है। इसलिए ऐसे व्यक्ति से मिलने के लिए लाइन का महत्व नहीं हो सकता है । मुख्यमंत्री ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस जब विपक्ष में थे तो सब पर भारी थे । देवेंद्र फडणवीस कहते थे मैं फिर आऊंगा। देवेंद्र फडणवीस फिर आए और वह मुझे भी ले आए। अब हम दो हैं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘एक से भले दो’।

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विपक्षी दल के लोगों को प्रस्ताव देना चाहिए कि राज्य में सरकार को क्या करना चाहिए। अजीत पवार जोर से बोलते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने किसानों को मिलने वाली सहायता को 5,000 से बढ़ाकर 15,000 कर दिया है। मुख्यमंत्री ने विपक्षी दल के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्षी दल हल्का माहौल बनाना चाहता है लेकिन आप हम पर मीठा बोलते हुए कई तरह के आरोप लगाते हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जयंत पाटिल की आलोचना करते हुए उन पर राष्ट्रीय प्रवक्ता की तरह बोलने का आरोप लगाया। एकनाथ शिंदे ने कहा कि कांग्रेस की हालत बदतर हो गई है। हमने बालासाहेब के विचारों के साथ विश्वासघात नहीं किया है। बालासाहेब ने कहा था कि अगर कभी कांग्रेस के करीब होने का समय आया तो मैं अपनी दुकान बंद कर दूंगा। हम उनकी बात को आगे बढ़ा रहे हैं। अगर हम गद्दारी करते, बालासाहेब के विचारों से दूर जाते तो भला जनता हमारा स्वागत क्यों करती। एकनाथ शिंदे ने कहा कि मैं काम करना चाहता हूं लेकिन विपक्ष अनायास काम नहीं करने दे रहा है। शिंदे ने कहा कि आगामी ढाई साल तक मैं इतना अधिक काम करूंगा कि राज्य की जनता मुझे ही अगले 5 साल तक की सत्ता सौंपेगी।

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