महाराष्ट्र प्रदेश भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा मुंबई पुलिस को कथित रुप से 100 करोड़ रुपए वसूली के टारगेट दिए जाने के मामले में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दबंग नेता अजित पवार के साथ ही परिवहन मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब की सीबीआई जांच की मांग की है। इसके लिए पाटील ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है।
हाल ही में भाजपा की प्रदेश कार्यकारी बैठक में पार्टी ने यह प्रस्ताव पारित किया था। प्रस्ताव में उपमुख्यमंत्री अजित पवार और परिवहन मंत्री अनिल परब दोनों की कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की वसूली मामले में सीबीआई जांच की मांग करने का निर्णय लिया गया था। उसी निर्णय पर अमल करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने केंद्रीय गृह मंत्री को यह पत्र लिखा है।
पाटील के पत्र में क्या है?
पाटील ने पत्र में लिखा है कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार और परिवहन मंत्री अनिल परब के खिलाफ सचिन वाझे के पत्र में वसूली के गंभीर आरोप हैं। इसलिए,सीबीआई को उनकी पूरी जांच करनी चाहिए। चंद्रकांत पाटिल ने यह भी लिखा है कि वे प्रदेश भाजपा के एक करोड़ दस लाख सदस्यों की ओर से यह मांग कर रहे हैं। पाटील ने कहा कि प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार ने अपराधियों को सुरक्षा उपलब्ध कराई है। ठाकरे सरकार की विश्वसनीयता कई मामलों से धूमिल हुई है, जिसमें वाझे प्रकरण, गृह मंत्री की फिरौती वसूली का मामला और पुलिस कर्मियों के स्थानांतरण आदि शामिल हैं।
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भाजपा के हथकंडे से कोई नहीं डरताः नवाब मलिक
इस पूरे मामले से नाराज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि भाजपा तय करेगी,भाजपा मांग करेगी, भाजपा निर्णय लेगी और लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा, उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। क्या यही लोकतंत्र है? मलिक ने यह भी कहा कि भाजपा लोगों पर राजनीतिक दबाव डालकर देश में भय का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है लेकिन उनका बंगाल मॉडल विफल हो गया है। अगर भाजपा महाराष्ट्र में भी बंगाल का मॉडल लागू करना चाहती है तो उसे ऐसा करने की पूरी छूट है। नवाब मलिक ने कहा कि महाविकास आघाड़ी गठबंधन में शामिल कोई भी दल भाजपा की चाल से नहीं डरता।