363 सांसदों,विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज! दोष साबित होने पर हो सकता है ऐसा

एडीआर ने जानकारी दी है कि राजनैतिक दलों में भाजपा में आपराधिक मामले दर्ज सांसदो, विधायकों की संख्या सबसे अधिक 83 है। कांग्रेस में 47 जबकि, तृणमूल कांग्रेस पार्टी में 25 सांसद, विधायक हैं।

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एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार देश में कुल 363 सांसद, विधायक पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। अगर वे इन मामलों के दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें जनप्रतिनिधि कानून की धारा के तहत अयोग्य करार दिया जा सकता है।

एडीआर ने जानकारी दी है कि केंद्र और राज्यों में 39 मंत्रियों ने भी जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8 के तहत दर्ज आपराधिका मामलों की जानकारी दी है। कानून की धारा 8 की उपधाराओं में प्रावधान है कि इनमें से किसी भी उपधारा में उल्लिखित अपराध के लिए दोषी व्यक्ति को दोष सिद्ध होने पर उसे उसी तारीख से अयोग्य करार दिया जाएगा। उसकी रिहाई के बाद से छह साल की और अवधि के लिए वह अयोग्य बना रहेगा।

चुनाव सुधारों के लिए काम करता है एडीआर
बता दें कि एडीआर चुनाव सुधारों के लिए काम करता है। इसके साथ ही नेशनल इलेक्शन वाच ने 2019 से 2021 तक 542 लोकसभा सदस्यों और 1,953 विधायकों के हलफनामे का विश्लेषण किया है। उसके अनुसार 2,495 सांसदो, विधायकों में से 363 ने घोषणा की है कि उनके खिलाफ कानून में सूचीबद्ध अपराधों के लिए न्यायालयों द्वारा आरोप तय किए गए हैं। इनमें से 296 विधायक और 67 सांसद हैं।

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भाजपा नंबर वन
एडीआर ने जानकारी दी है कि राजनैतिक दलों में भाजपा में ऐसे सांसदो, विधायकों की संख्या सबसे अधिक 83 है।कांग्रेस में 47 जबकि, तृणमूल कांग्रेस पार्टी में 25 सांसद, विधायक हैं। एडीआर के अनुसार 24 वर्तमान लोकसभा सदस्यों पर 43 आपराधिक मामले लंबित हैं, जबकि 111 वर्तमान विधायकों पर कुल 315 आपराधिक मामले 10 साल या उससे अधिक समय से लंबित हैं।

ऐसे विधायक बिहार में सबसे ज्यादा
जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8(1),(2) और (3) के तहत सूचीबद्ध अपराध गंभीर, जघन्य प्रकृति के हैं। बिहार में 54 विधायक ऐसे हैं, जिन पर इस तरह के गंभीर मामले दर्ज हैं। केरल में ऐसे 42 विधायक हैं। एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चार केंद्रीय मंत्री और राज्यों में 35 मंत्री ऐसे हैं, जिन्होंंने अपने आपराधिक मामलों की जानकारी दी है।

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