भारतीय जनता पार्टी विधायक गोपीचंद पडलकर ने गोवंश की रक्षा के लिए 20 अगस्त को सांगली जिले के आटपाटी तालुका में बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन किया है। लेकिन स्थानीय पुलिस प्रशासन ने दौड़ को रोकने के लिए पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने 17 अगस्त से इस इलाके में नाकेबंदी कर रखी है। कोई भी किसान बैलगाड़ी न ला सके, इसके लिए पुलिस प्रशासन ने तगड़ी व्यवस्था की है। उधर, विधायक पडलकर ने फैसला किया है कि चाहे कितना भी विरोध क्यों न हो, वे गोवंश की सुरक्षा के लिए बैलगाड़ी प्रतियोगिता का आयोजन करेंगे।
प्रशासन ने जारी किया नोटिस
इस मामले में सांगली जिले के पुलिस अधीक्षक ने नोटिस जारी किया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बैलगाड़ी प्रतियोगिता के आयोजन पर रोक के साथ-साथ प्रशासन द्वारा भी कोरोना के नियमों के अनुसार भी इस तरह के किसी भी आयोजन पर पाबंदी लगाई गई है। इस आदेश को नहीं मानने वालों पर सीआरपीसी 149 के तहत नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया है। यदि आयोजक इसके बावजूद प्रतियोगिता आयोजन करते हैं , तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहा विधायक पडलकर ने?
इस बारे में विधायक पडलकर ने कहा है कि यह बैलगाड़ी प्रतियोगिता गोवंश की रक्षा के लिए आयोजित की जा रही है। लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी इसे रोकना चाहती है। एक तरफ राकांपा नेता किसानों के साथ बैठकें कर रहे हैं और कह रहे हैं, ”हम जाति के विरोधी नहीं हैं,” वहीं राकांपा से जुड़े गृह मंत्रालय ने इस प्रतियोगिता पर रोक लगाने का फैसला किया है। प्रतियोगिता 20 अगस्त को होगी, लेकिन पुलिस ने 17 अगस्त से नाकाबंदी कर रखी है। इसके लिए कोई तालिबानी नहीं आ रहा है, किसान आ रहे हैं। गोपीचंद पडलकर ने किसानों से अपील की है कि गोवंश की रक्षा के लिए वे अधिक से अधिक संख्या में इस आयोजन में शामिल हों।
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बैलगाड़ी प्रतियोगिता पर राजनीति
महाराष्ट्र में बैलगाड़ी प्रतियोगिता का आयोजन कानूनन प्रतिबंधित है। लेकिन राज्य के कुछ संगठनों और पार्टियों ने प्रतिबंध हटाने की मांग की है। इस मुद्दे को लेकर कई जगहों पर आंदोलन भी हो चुके हैं। इस पृष्ठभूमि में पडलकर भी बैलगाड़ी प्रतियोगिता को लेकर राजनीति के मैदान में उतरे हैं। उन्होंने इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले को 1 लाख 11 हजार रुपये के पुरस्कार की घोषणा की है। दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वालों को भी अलग-अलग पुरस्कार दिए जाएंगे।