Congress: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी को भाजपा के डर का प्रतीक बताया है। खरगे ने कहा कि राष्ट्रीय हित के समय में सशस्त्र बलों और सरकार का समर्थन करने का अर्थ यह नहीं है कि हम उसकी आलोचना नहीं कर सकते।
खरगे का बयान को तुष्टिकरण की राजनीति मानी जा रही है। जब देश पाकिस्तान के साथ ही देश के अंदर के गद्दारों से लड़ाई लड़ रहा है तो ऐसे समय में इस तरह का सवाल उठाना उसके इरादे बताता है। प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी पुलिस ने की है, भााजपा या मोदी सरकार ने नहीं, इस स्थिति में खरगे का बयान पूरी तरह गलत और मुस्लिम प्रेम का प्रतीक है।
भाजपा पर हमला
खरगे ने 19 मई को एक्स पोस्ट में भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए राष्ट्रीय एकता सर्वोपरि है। उन्होंने भाजपा को चेतावनी दी कि वह लोकतंत्र को दबाने का प्रयास न करे। उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया और किसी भी व्यक्ति के चरित्र हनन, उत्पीड़न या अवैध गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की।
लोकतंत्र का नाम, तुष्टिकरण का काम
खरगे ने कथित तौर पर ट्रोल आर्मी को भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह सब तब शुरू हुआ, जब हुतात्मा नौसेना अधिकारी की विधवा, विदेश सचिव और उनकी बेटी को निशाना बनाया गया। इसके अलावा भाजपा सरकार के एक मंत्री ने भारतीय सेना की एक कर्नल के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा कि भाजपा उन लोगों को खतरे के रूप में देख रही है, जो बहुलवाद का प्रतिनिधित्व करते हैं या सरकार की आलोचना करते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि सरकार की आलोचना करना लोकतंत्र का हिस्सा है और इसे कुचला नहीं जाना चाहिए।