कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को महाराष्ट्र के एक कांग्रेसी नेता द्वारा लिखी चिट्ठी से दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक की राजनीति गरमा सकती है। मुंबई कांग्रेस के महासचिव विश्वबंधु राय ने पार्टी हाई कमान को लिखी चिट्ठी में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर कांग्रेस को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। बता दें कि महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सरकार है और शिवसेना, एनसीपी तथा कांग्रेस इसमें शामिल हैं।
कांग्रेस को कमजोर करने का आरोप
राय ने उद्धव ठाकरे की अगुआई में चल रही महाविकास आघाड़ा की सरकार के रवैये पर प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस को अनदेखा किया जा रहा है और सभी निर्णय शिवसेना तथा एनसीपी ले रही हैं।
‘2020 में कांग्रेस ने क्या खोया, क्या पाया’ शीर्षक से लिखे इस पत्र में स्पष्ट रुप से कहा है कि महाराष्ट्र में सरकार सिर्फ शिवसेना और एनसीपी चला रही है और कांग्रेस को हर जगह अनदेखा किया जा रहा है। पत्र में लिखा गया है कि एनसीपी कांग्रेस को दीमक की तरह कमजोर कर रही है।
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कांग्रेस के लिए काम करना मुश्किल
विश्वबंधु राय ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के मंत्रियो को सिर्फ विभाग दिए गए हैं, लेकिन उन्हें न जनहित में कोई निर्णय लेने का अधिकार है और ना ही काम करने दिया जाता है। इस वजह से पार्टी का आधार कमजोर होता जा रहा है और ये दोनों पार्टियां एक सोची-समझी साजिश के तहत कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रही हैं तथा अपनी पार्टी को बढ़ाने में जुटी हुई हैं।
शिवसेना- एनसीपी नहीं निभा रही हैं गठबंधन धर्म
मुबंई कांग्रेस के इस महसचिव ने आरोप लगाया है कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए वादों को पूरा करने के लिए कोई काम नहीं किया जा रहा है। पार्टी छोड़कर जा रहे नेताओं को रोकन के लिए ठोस कदम उठाने की जरुरत है। इसके साथ ही शिवसेना और एनसपी को भी गठबंधन के धर्म निभाने की सलाह दिए जाने की जरुरत है।
एक-दो दिन में गरमा सकती है राजनीति
विश्वबंधु राय की इस चिट्ठी पर अभी तक कांग्रेस, शिवसेना या एनीसीपी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन अगले एक दो दिन में इसे लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में उबाल आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि देखनेवाली बात यह होगी, कि कांग्रेस अपनी पार्टी को लेकर कितनी गंभीर है।
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काग्रेस बदहाल
बिहार विधानसभा चुनाव के बाद हर जगह मात खा रही कांग्रेस में कोई ऊर्जा नजर नहीं आ रही है। इस वजह से महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आती। अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बगावती तेवर से जूझ रही कांग्रेस अब भी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से उम्मीद लगाए बैठी है, जबकि उनमें न दूरदर्शिता है और न जोश-जुनून।
ऐसा देखा गया है कि जब पार्टी को उनकी जरुरत रही, वे देश में नहीं थेः
- कई बार संसद सत्र शुरू होने के दौरान राहुल गांधी विदेश दौरे पर चले गए थे
- इसी सत्र के दौरान कृषि बिल पास करते समय वे संसद से गायब थे।
- कोरोना के प्रकोप शुरू होने के समय भी वे इटली चले गए थे।
- लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद भी वे छुट्टी मनाने विदेश चले गए थे
- महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के समय बी वे बैंकॉक चले गए थे
- महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव के नतीजे आने के बाद भी वे एक बार विदेश चले गए थे दोनों ही राज्यों में कांग्रेस का पर्दर्शन निराशाजनक रहा था
- पंजाब विधानसभा चुनाव के समय भी वे न्यू ईयर मनाने में व्यस्त थे
अमित शाह ने ली थी चुटकी
जब संसद में एसपीजी बिल पर चर्चा हो रही थी, तब गृह मंत्री अमित शाह ने बताया था कि राहुल गांधी ने 2015 से लेकर 2019 तक चार साल में कम से कम 247 विदेश यात्राएं की है। राहुल के रवैये ने एक बार फिर बीजेपी को प्रहार करने का मौका दे दिया है।