लोकसभा चुनाव 2024 में भी भाजपा को हराना नहीं आसान, जानें वजह

भाजपा पिछले कुछ सालों से देश की नंबर वन पार्टी बनी हुई है। आगामी लोकसभा चुनाव में कई राज्यों में भाजपा का मुकाबला कई क्षेत्रीय दलों से हो सकता है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जनाधार लगातार बढ़ रहा है। 2014 के आम चुनाव से भाजपा सत्ता में काबिज है। अब लोकसभा चुनाव 2024 की भी चर्चा शुरू हो गई है। इसको लेकर प्रसार भारती के पूर्व अध्यक्ष सूर्य प्रकाश का कहना है कि आज के हालात को देखें तो 2024 के चुनाव में भाजपा के सामने कोई बड़ी चुनौती नजर नहीं आ रही है। नरेंद्र मोदी एक ब्रांड बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश में मोदी समर्थक भावना बहुत मजबूत हो चुकी। खासकर सरकारी स्कीमों की डिलीवरी और उनके विचारों के प्रसार के मामले में रिकॉर्ड अच्छा है।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि देश में माहौल हिंदुत्व के पक्ष में है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में यह बात साफ हो गई है। इस बार के चुनाव में जिस प्रकार से मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया, उससे साफ है कि वोटर कुछ अलग चाहता है। ऐसे में यदि यही स्थिति बनी रही तो 2024 के आम चुनाव में वोट हिंदुत्व पर ही पड़ेगा।

मोदी और शाह की जोड़ी को रोकना मुश्किल
विपक्ष एकजुट भी हो जाए तो मोदी और शाह की जोड़ी को हरा पाना मुश्किल है। पिछले आठ साल से कांग्रेस अपना जनाधार खोती जा रही है। गुजरात में मिली करारी हार से एक बात तो यह साफ हो गई है कि वह जनता की नब्ज नहीं टटोल पाई और उसे हार का मुंह देखना पड़ा।

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भाजपा बनाम क्षेत्रीय पार्टियों का होगा चुनाव
भाजपा पिछले कुछ सालों से देश की नंबर वन पार्टी बनी हुई है। आगामी लोकसभा चुनाव में कई राज्यों में भाजपा का मुकाबला कई क्षेत्रीय दलों से हो सकता है। गौर करने वाली बात यह है कि कांग्रेस जिस राज्य में सत्ता में है वहां भाजपा मुख्य विपक्ष की भूमिका में है। हिमाचल प्रदेश इसका ताजा उदाहरण है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी भाजपा मुख्य विपक्ष की भूमिका में है। क्षेत्रीय पार्टियों ने कांग्रेस को ही खत्म कर दिया है। ओडिशा में बीजद ने कांग्रेस को पछाड़ दिया है। ओडिसा में बीजू जनता दल (बीजद) की भाजपा मुख्य प्रतिद्वंद्वी है। कभी कांग्रेस का गढ़ रहा तेलंगाना में भी भाजपा मुख्य प्रतिद्वंदी बन गई है। आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी ऐसी ही स्थिति है।

आम आदमी पार्टी को करना होगा और इंतजार
विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को जोर का झटका लगा है। अब उसकी छवि मैदान छोड़कर भागने वाली हो गई है। हिमाचल और गुजरात में हार से यह साफ हो गया है कि देश का जनमानस मुफ्त की राजनीति को पसंद नहीं करता है। आम आदमी पार्टी फिलहाल केवल दिल्ली और पंजाब में भाजपा के लिए चुनौती है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महाराष्ट्र के बड़े नेता और एनसीपी प्रमुख शरद पवार तीसरे फ्रंट की बात कर रहे हैं, लेकिन इसमें अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिली। विपक्ष एकजुट होकर थर्ड फ्रंट बनाता है तो 2024 का मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।

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