ताइवान का चाय बगान और नाच-गाना, काम न आया प्रियंका-राहुल गांधी का ये बाना…केरल में ऐसे बढ़ीं कांग्रेस की मुश्किलें!

केरल में चार कांग्रेस नेताओं ने इस्तीफा देकर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

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देश के पांच प्रदेशों में चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे राजनैतिक सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। इसी क्रम में चुनाव प्रचार के दौरान दो दिन पहले कांग्रेंस की महासचिव प्रियंका गांधी असम के चाय बगान में चाय की पत्तियां तोड़ती नजर आई थीं। वहीं कांग्रेस ने एक अन्य चाय बगान की तस्वीर सोशल मीडिया में जारी की है। इस तस्वीर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। असम सरकार में मंत्री और भारतीय जनता पार्टी नेता हेमंत बिस्वा शर्मा ने दावा किया है कि कांग्रेस ताइवान के चाय बगानों की तस्वीर दिखाकर असम बचाओ अभियान चला रही है। उन्होंने सवाल दागते हुए पूछा है कि क्या कांग्रेस नेताओं को असम और ताइवान के चाय बगान में अंतर समझ में नहीं आता? क्या वे असम को नहीं पहचानते? सरमा ने इसे असम राज्य के साथ ही चाय बगान के मजदूरों का भी अपमान बताया है।

कांग्रेस लेट हो जाती है
इसके साथ ही असम के तेजपुर में चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका गाधी ने दौड़ भी लगाई थीं। उनकी इस दौड़ की वजह से बेचारे उनके सुरक्षाकर्मियों को भी मजबूरन दौड़ना पड़ा था। सरमा ने इस पर व्यंग्य करते हुए टिप्फणी की है कि कांग्रेस हमेशा लेट हो जाती है।

हालांकि प्रियंका गांधी ने अपनी इस तरह की गतिविधियों से लोगों का ध्यान जरुर आकर्षित किया, लेकिन उनका इस तरह का चुनाव प्रचार कितने मतदाताओं को रिझाने में कायमाब होगा, इसका जवाब तो 2 मई को मतों की गिनती के बाद ही चल पाएगा।

वायनाड के चार पार्टी नेताओं ने दिया इस्तीफा
फिलहाल कांग्रेस की हालत किसी से छिपी नहीं है। जी-23 के नेता जहां पार्टी के अध्यक्ष की नियुक्ति से लेकर एकजुटता पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं प्रियंका और राहुल मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए वो सब कुछ कर रहे हैं, जो शायद इन्होंने जिंदगी में कभी नहीं किया होगा। प्रियंका जहां असम में चाय बगान में चाय पत्तियां तोड़ती नजर आईं तो वहीं राहुल गांधी केरल और तमिलनाडु में पुश अप्स मार कर और डांस कर मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश करते नजर आए। लेकिन लगता है राहुल का ये रुप केरल के उनके संसदीय क्षेत्र वायनाड के नेताओं को नहीं पसंद आया। वायनाड के पार्टी के चार बड़े नेताओं के पार्टी से इस्तीफे से तो ऐसा ही लगता है।

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बढ़ीं पार्टी की मुश्किलें
पार्टी से इस्तीफा देनेवाले नेताओं में केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सदस्य केके विश्वनाथन, केपीसीसी सचिव एमएस विश्वनाथन, डीडीसी महासचिव पीके अनिल कुमार और महिला कांग्रेस नेता सुजाया वेणुगोपाल शामिल हैं। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले पार्टी के इन बड़े नेताओं के इस्तीफे ने प्रदेश में कांग्रेस की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

नाराज नेताओं ने कहा
एमएस विश्वनाथन ने कहा है कि वो जिले में कांग्रेस के नेतृत्व की असफलता और कांग्रेस में अपनी उपेक्षा के कारण पार्टी छोड़ रहे हैं। वहीं केके विश्वनाथन ने आरोप लगाया है कि वायनाड में पार्टी मात्र तीन सदस्यों द्वारा चलाया जा रहा है। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं बताया। वहीं पीके अनिल कुमार औपचारिक रुप से सांसद एमवी श्रेयसकुमार की उपस्थिति में लोकतांत्रिक जनता दल में शामिल हो गए।

संकट का समाधान
कांग्रेस ने इस संकट के समाधान के लिए के सुधाकरन सहित वरिष्ठ नेताओं की एक फौज तैयार की है। सुधाकरन फिलहाल इस नुकसान की भरपाई करने में जुट गए हैं। लेकिन देश के पांच प्रदेशों में विधानभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी में जी-23 के बाद केरल में इस तरह की टूट निश्वित रुप से कांग्रेस का भविष्य तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। बता दें कि केरल में एक ही चरण में 6 अप्रैल को मतदान कराए जाएंगे, जबकि मतों की गिनती 2 मई को की जाएगी।

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