कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम और शशि थरूर की ट्वीटर वाणी पर कांग्रेस ने किनारा कस लिया है। इन नेताओं ने कहा है कि, भारत को ब्रिटेन से सीखना चाहिए, जहां अल्पसंख्यक नेता को प्रधानमंत्री पद पर चयनित किया गया है। अपने दो वरिष्ठ नेताओं की टिप्पणी का कांग्रेस ने ही खंडन किया है। शशि थरूर और पी.चिदंबरम ने जो बात कही है, उसमें वे अपनी ही पार्टी का इतिहास और नेताओं को भूल गए हैं। जिसपर कांग्रेस पार्टी को सामने आकर सफाई देनी पड़ी है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पी.चिदंबरम और शशि थरूर के सोशल मीडिया संदेश पर सफाई दी है , उन्होंने कहा है कि, भारत ने सदा ही विविधता का सम्मान किया है। उन्होंने डॉ.जाकिर हुसैन, फखरुद्दीन अली अहमद और डॉ.ए.पी.जे अब्दुल कलाम का उदाहरण दिया है। जयराम रमेश ने कहा कि, हमारे देश में डॉ.जाकिर हुसैन 1967 में राष्ट्रपति बने थे, उनके बाद फखरुद्दीन अली अहमद राष्ट्रपति बने और उसके बाद डॉ.ए.पी.जे अब्दुल कलाम इस पद के लिए चुने गए। इसके अलावा बरकतउल्लाह खान मुख्यमंत्री बने और ए.आर अंतुले भी मुख्यमंत्री बने थे।
क्यों देनी पड़ी कांग्रेस को सफाई
कांग्रेस नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम और कांग्रेस सांसद शशि थरूर, ऋषि सुनक के ब्रिटेन के 57वें प्रधानमंत्री चुने जाने पर खुशी व्यक्त की। दोनों ही कांग्रेस नेताओं ने कहा, अल्पसंख्यक को अवसर मिल रहा है कि वह देश का नेतृत्व करे। आशा है, यह भारत में भी एक दिन होगा। यह टिप्पणी देश में सत्तर वर्ष तक सत्ताधारी रही कांग्रेस के इतिहास को भी भुलाना है। जिससे लोगों के बीच कांग्रेस को लेकर भी एक गलत धारणा जाती, इसलिए कांग्रेस पार्टी ने सफाई दी है।
इतिहास भूले पी.चिदंबरम
पहले कमला हैरिस और अब ऋषि सुनक। अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अल्पसंख्यक सदस्यों को अपनाया और देश के सर्वोच्च पद पर चयनित किया।
मेरे विचार में यह एक सीख है, जिसे भारत और पार्टियों को सीखना चाहिये जो बहुमत का समर्थन करती हैं।
First Kamala Harris, now Rishi Sunak
The people of the U.S. and the U.K have embraced the non-majority citizens of their countries and elected them to high office in government
I think there is a lesson to learned by India and the parties that practise majoritarianism
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 24, 2022
ब्रिटेन के दीवाने शशि
शशि थरूर अपने ट्वीट में लिखते हैं, यदि यह होता है, तब हमें यह स्वीकार करना होगा कि एक अल्पसंख्यक को सबसे शक्तिशाली पद पर बैठाकर ब्रिटेन के लोगों ने एक बिरला काम किया है। हम भारतीय जब ऋषि सुनक की सफलता की खुशी व्यक्त करते हैं, तो बड़ी ईमानदारी से हमें पूछना चाहिये क्या यह यहां हो सकता है?
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If this does happen, I think all of us will have to acknowledge that theBrits have done something very rare in the world,to place a member of a visible minority in the most powerful office. As we Indians celebrate the ascent of @RishiSunak, let's honestly ask: can it happen here? https://t.co/UrDg1Nngfv
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 24, 2022
शशि थरूर को अभी संपन्न हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है। जबकि पी.चिदंबरम लंबे काल से राजनीतिक की मुख्य धारा से किनारे हैं।
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