बेलगांव सीमा विवाद: दादा को मुख्यमंत्री ने ऐसा सुनाया

महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच लंबे काल से सीमा विवाद चल रहा है। यह प्रकरण सर्वोच्च न्यायालय में भी सुनवाई के लिए लंबित है। परंतु, नागपुर में शीतकालीन सत्र के साथ प्रकरण एक बार फिर गरमा गया है।

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महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा विवाद पर विधान सभा की कार्यवाही सरगर्मी के साथ प्रारंभ हुई। विधान सभा में नेता विपक्ष अजीत पवार ने वर्तमान युति सरकार के रवैय्ये पर प्रश्न खड़े किये और केंद्रीय गृहमंत्री के साथ हुई बैठक में क्या बातें हुई इसका खुलासा मांगा। जिसका मुख्यमंत्री ने दादा को उसी आक्रामकता के साथ उत्तर दिया।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कर्नाटक के साथ बेलगांव सीमा विवाद पर महाविकास आघाड़ी सरकार की करतूतों का चिट्ठा खोला। उन्होंने कहा कि, सीमा क्षेत्र के कुछ गावों ने कर्नाटक में विलय का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव को प्रस्तुत करनेवाले गावों के पीछे किन पार्टियों का हाथ है, इसकी जानकारी पुलिस से मंगा ली गई है और हमें पता है। एक दिन पहले ही सीमा क्षेत्र के 48 गावों के लिए दो हजार करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी की गई है। जबकि महाविकास आघाड़ी सरकार ने तो सीमा वासियों की योजनाओं को ही बंद कर दिया था।

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गृहमंत्री से भेंट पर खुलासा
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नेता विपक्ष अजीत पवार के प्रश्न का उत्तर देते हुए, सदन को सूचित किया कि, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस प्रकरण में मध्यस्तता की है, जो इसके पहले कभी नहीं हुआ है। यह मुद्दा महाराष्ट्र की अस्मिता से संबंधित है। इसकी जानकारी देकर हमने अपने राज्य का पक्ष रखा। हमारी गाड़ियों को कर्नाटक में प्रवेश नहीं दिया जाता, कई बार फूंक दिया जाता है। इस एक्शन का रिएक्शन हो सकता है, इस पर गृहमंत्री कर्नाटक के मुख्यमंत्री को भी शांति बनाए रखने को कहा है। इसके पहले महाराष्ट्र और कर्नाटक में किन दलों की सरकार थी, यह सभी को पता है। केंद्रीय गृहमंत्री की पहल के लिए आप सभी को उनका अभिनंदन करना चाहिये था।

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