फ्रांस में एक दक्षिणपंथी पत्रिका में प्रकाशित एक पत्र इन दिनों सुर्खियों में है। इस पर 1 लाख 30 हजार लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं। इस पत्र में चेतावनी दी गई है कि देश में गृह युद्ध का खतरा बढ़ गया है।
यह संदेश फ्रांस की दक्षिणपंथी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इसमें फ्रांस सरकार पर कट्टरपंथी मुसलमानों को रियायत देने का आरोप लगाया गया है। पत्र में लिखा गया है कि यह हमारे देश के अस्तित्व के लिए है। इसके साथ ही कहा गया है कि यह पत्र उन अनाम जवानों के लिए लिखा गया है, जिन्होंने जन समर्थन मांगा है।
फ्रांस सरकार ने की निंदा
फ्रांस सरकार ने इस पत्र पर आपत्ति जताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। पिछले महीने भी इसी तरह का एक पत्र सुर्खियों में था। फ्रांस के गृह मंत्री गोराल्ड डार्मानिन ने नए पत्र को लेकर बयान दिया है। उन्होंने इसे पैंतराबाजी बताते हुए इसकी नींदा की है। उन्होंने इस पर हस्ताक्षर करने वाले लोगों को कहा है कि उनमें साहस नहीं है।
अर्द्ध-सेवानिवृत जनरलों ने भी लिखा था पत्र
पिछले महीने सरकार को अर्द्ध-सेवानिवृत जनरलों ने भी पत्र लिखा था। उसके बाद सैन्य बलों के कार्यकारी मंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने कहा था कि उन्हें नियम उल्लंघन करने की सजा दी जाएगी। बता दें कि फ्रांस में सेना के जवानों पर धर्म और राजनीति पर सार्वजनिक राय देने पर प्रतिबंध है।
फ्रांस ने कही थी कानूनी कार्रवाई की बात
फ्रांस ने पिछली बार लिखे पत्र के बाद उन सैनिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का वादा किया था, जिन्होंने देश में गृह युद्ध की चेतावनी पर हस्ताक्षर किए थे। उसी भावना को प्रतिध्वनित करते हुए यह नया पत्र सामने आया है। उस समय, फ्रांसीसी सशस्त्र बलों के कार्यकारी मंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने कहा था कि सेना को तटस्थ और वफादार होना चाहिए।