आंदोलन कर रहे किसानों से मिलने के लिए कनाडाई राजनीतिज्ञ पहुंच गया। ये भेंट कुंडली सीमा पर हुई। भेंट के बाद इस राजनीतिज्ञ ने फोटो भी साझा की है। आरोप है कि आंदोलन स्थल पर जाना वीज़ा नियमों का उल्लंघन है।
कनाडा द्वारा भारत के आंतरिक मामलों में दखल न देने की चेतावनी के बावजूद भी कनाडा का सिख राजनीतिज्ञ दिल्ली के कुंडली सीमा पर पहुंच गया। इनका नाम डॉ.रमनदीप ब्रार है। ये भेंट 2 जनवरी को हुई है। अपने भेंट की कुछ फोटो भी ब्रार ने अपने ट्विटर अकाउंट से जारी की हैं।
https://twitter.com/DrRamandeepBrar/status/1345367727892877312
एक मीडिया हाउस बात करते हुए डॉ.रमनदीप ब्रार ने बताया कि,
इसमें कोई गलत बात नहीं है कि किसानों के आंदोलनस्थल पर जाकर भेंट की गई। इसके लिए किसी आधिकारिक इजाजत की आवश्यकता भी नहीं है। इस आंदोलन को बहुत सारे अंतरराष्ट्रीय पत्रकार कवर कर रहे हैं।वीज़ा नियमों के उल्लंघन पर इस कनाडाई ने कहा कि इसका कोई अर्थ नहीं है कि, वो किसी विज़ा पर भारत आ रहे हैं। इसके पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुड्यो भी किसानों के आंदोलन को लेकर अपनी संवेदना व्यक्त कर चुके हैं।
ये कहता है वीज़ा नियम
विदेशी नागरिक जो विशेष वीज़ा पर आया है वो….
- किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो सकता
- धर्मांतरण के कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो सकता
- उसे जिस आधार पर वीज़ा दिया गया है उसका पालन अनिवार्य
- संविधान के अंतर्गत आंदोलन का अधिकार आर्टिकल 19 में भारतीय नागरिकों के लिए
हो सकती है कौन सी कार्रवाई ?
सरकार के विरुद्ध आंदोलन में हिस्सा लेना डॉ. रमनदीप ब्रार द्वारा कानूनों का उल्लंघन है। इसके लिए सरकार उनका वीज़ा रद्द करके देश छोड़ने को कह सकती है। ऐसी कार्रवाईयां सीएए के विरोध में हुए आंदोलन के समय हो चुकी हैं।
कौन हैं रमनदीप ब्रार?
डॉ.रमनदीप ब्रार भारतीय मूल के कंजरवेटिव पार्टी ऑफ कनाडा के सदस्य हैं। वे ब्राम्पटन साऊथ से 2019 के चुनावों में उम्मीदवार थे। लेकिन उन्हें एक भारतीय मूल के अन्य उम्मीदवार ने हरा दिया था। वे ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया के कार्ड धारक हैं।
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