बॉलीवुड अभिनेत्री उर्मिला मांतोडकर 1 दिसंबर 2020 को शिवसेना में शामिल हो गईं। उन्होंने इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए अपनी राजनैतिक परिपक्वता का परिचय दिया। तमाम तरह के विवावदास्पद सवालों के जवाब उन्होंने बहुत ही सुलझे अंदाज में दिए और मीडिया तथा विरोधियों को विवाद पैदा करने का एक भी मौका नहीं दिया। हिंदुत्व के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हिंदुत्व किसी की जागिर नहीं है। उन्होंने हिंदुत्व को लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए कहा कि मैं जन्म और कर्म दोनों से हिंदू हूं। मैंने बचपन से ही हिंदू धर्म का गहराई से अध्ययन किया है।
सीएम उद्धव और रश्मि ठाकरे की उपस्थिति में शिवसेना में शामिल
मुंबई के मतोश्री में उर्मिला मातोंडकर ने शिवसेना के कार्याध्यक्ष उद्धव ठाकरे और रश्मि ठाकरे की उपस्थिति में शिवसेना में शामिल हो गईं। इसी के साथ कई दिनों से उनके शिवसेना में शामिल होने को लेकर लगाया जा रहा कयास भी समाप्त हो गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान उनके वक्तव्य को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। इसके लिए उन्होंने परोक्ष रुप से भाजपा को जिम्मेदार ठहराया।
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सेक्यूलर का मतलब दूसरे धर्म का अपमान नहीं
उर्मिला ने कहा कि सेक्यूलर होने का मतलब दूसरे धर्मों का अपमान करना नहीं होता है। हिंदू सबसे सहिष्णु धर्म है। मैं जन्म और कर्म दोनों से हिदू हूं। उन्होंने कहा कि मैंने बचपन से ही हिंदू धर्म का अध्ययन किया है। इसलिए मुझे हिंदू धर्म के बारे में अच्छी तरह पता है। उर्मिला ने कहा कि भगवान मंदिर में निवास करते हैं। उसी तरह धर्म इंसान के मन में रहनेवाला और स्वयं को सुकून देनेवाला विषय है। इस बारे में सार्वजनिक रुप से बोलने की जरुरत मुझे नहीं लगता है। जरुरत पड़ने पर मैं धर्म के अनुसार आचरण करूंगी।
अन्य खास बातें
- उर्मिला मातोंडकर ने ट्रोल्स पर निशाना साधते हुए कहा कि वे देश में विद्वेश फैला रहे हैं। उनकी वजह से देश का माहौल बिगड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर मुझे कोई ट्रोल करता है तो मैं पीछे नहीं हटूंगी। मैं मराठी लड़की हूं, मराठी कदम आगे बढ़ते रहेंगे। उनका इशरा भाजपा की ओर समझा जा रहा है।
- उन्होने कहा कि शिवसेना में महिल आघाड़ी का खूब महत्व है। इस आघाड़ी का हिस्सा बनते हुए मुझे खूब आनंद हो रहा है।
- कंगना पर जरुरत से ज्यादा बोला गया है। उसके बारे में बोलने की जरुत नहीं है। देश में लोकतंत्र है और हर किसी को बोलने की आजादी है। मैंने कंगना को जवाब देने के लिए इंटरव्यू नहीं दिया था। वह उसका एक भाग था।
- उद्धव ठाकरे ने मुझे फोन किया था। उस समय उन्होंने काफी अच्छी बातचीत की। उसके बाद मैंने शिवसेना में शामिल होने का निश्चय किया।
- पिछले 10 महीने से महाराष्ट्र के लिए काफी कठिन समय रहा है। कोरोना संकट और निसर्ग चक्रवाती तूफान की वजह से राज्य को काफी बुरे वक्त से गुजरना पड़ा है। ऐसे समय में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।