‘शिव राज’ में शिकार हो गए पुलिस कर्मी, ऐसी है घटना

शिकारियों के हौसलों को लेकर सदा ही प्रश्न उठते रहे हैं। जघन्य अपराधों में संलिप्त और अत्याधुनिक हथियारों से लैस शिकारी जंगलों में किसी से नहीं डरते।

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मध्य प्रदेश में शिकारी बेखौफ हैं। यहां गुना जिले के आरोन थानाक्षेत्र में शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात पुलिस और शिकारियों के बीच मुठभेड़ में एक एसआई सहित तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। शिकारियों से मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मियों की मौत के बाद जिले से भारी पुलिस बल जंगल भेजा गया है। शिकारियों के संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है।

होगी कड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना का गंभीरता से लिया है। उन्होंने इसे लेकर आपात बैठक बुलाई है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि गुना के पास अपराधियों की गोलीबारी में पुलिस के तीन जांबाज अफसर और कर्मचारी ने बलिदान दिया है। अपराधियों को छोड़ा नहीं जाएगा। सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं इसकी मानिटरिंग कर रहे हैं।

ऐसे हुई मुठभेड़
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार रात करीब 12.30 बजे आरोन थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि शहरोक गांव की पुलिया से आगे मौनवाड़ा के जंगल में शिकारियों द्वारा ब्लैक बग हिरण और मोर का शिकार किया गया। इस पर थाने से एसआई राजकुमार जाटव, प्रधान आरक्षक नीरज भार्गव और आरक्षक संतराम मीना सहित सात लोग दो चारपहिया और एक बाइक से जंगल की ओर रवाना हुए। इस दौरान पुलिस ने चार मोटरसाइकिल से आए दो-तीन शिकारियों को पकड़ लिया। लेकिन तभी पीछे से आए शिकारियों के अन्य साथियों ने फायरिंग शुरू कर दी। दोनों ओर से लगभग 50 से ज्यादा राउंड फायर किए गए। शिकारियों ने पुलिसकर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। इसमें तीन पुलिसकर्मियों में सभी को सात से आठ गोलियां लगीं। तीनों की मौके पर मौत हो गई।

शुरू हुई जांच
आरोन के जंगलों में हुए इस कांड के बाद वन विभाग ने जांच शुरू कर दी है। गुना डीएफओ समेत पूरा स्टाफ पूरी तरह से इस समय सक्रिय दिखाई दे रहा है। वन बल प्रमुख आरके गुप्ता ने विभाग की जांच एजेंसियों को भी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। पुलिस की सरकारी जीप के निजी ड्राइवर के हाथ में गोली लगी है। जानकारी मिली है कि शिकारियों ने पुलिस की एक रायफल भी लूट ली है। पुलिस ने शहीद पुलिसकर्मियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

गृहमंत्री का बयान
घटना में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को लेकर गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि गुना जिले के आरोन थाना क्षेत्र में 7-8 मोटरसाइकिल सवार बदमाशों की सूचना पुलिस को मिली थी। पुलिस ने बदमाशों को चारों तरफ से घेर लिया। इस पर बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसमें पुलिस परिवार के जाबांज एसआई राजकुमार जाटव, हवलदार नीलेश भार्गव और सिपाही संतराम की मौत हो गई है। वहीं सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल से से हिरण, मोर के शव भी बरामद किए हैं। जबकि आरोपित फरार हो गए हैं। जानकारी मिल रही है कि पुलिस ने एक शिकारी को मार गिराया है।

मुख्यमंत्री ने बुलाई आपात बैठक
गुना में शिकारियों द्वारा पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सुबह 9:30 बजे आपात उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, सीएस, एडीजी ईंट., पीएस गृह, पीएस मुख्यमंत्री सहित पुलिस के बड़े अधिकारी शामिल हैं। डीजीपी और गुना प्रशासन के बड़े अधिकारी बैठक से वर्चुअली जुड़े हैं।

विपक्ष ने सरकार को घेरा
उधर, विपक्ष ने इस घटना को लेकर भाजपा की सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह का कहना है कि गुना की घटना यह बताने के लिए पर्याप्त है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि अब वह पुलिस को ही नहीं छोड़ रहे। उन्होंने कहा कि घटना दुःखद है। इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य की शिवराज सरकार को लेनी चाहिए और गृहमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

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