जिसकी मध्यप्रदेश के विधायक नहीं सुनते, महाराष्ट्र में शिवसेना को क्या समझाएंगे?

राज्यसभा निर्वाचन और विधान सभा चुनाव में महाविकास आघाडी को बड़ी चपत लगी है। इससे शिवसेना और कांग्रेस में पार्टी बचाने की जोड़तोड़ शुरू हो गई है।

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को महाराष्ट्र कांग्रेस का ऑब्जरवर बनाया गया है। महाविकास आघाडी सरकार पर मंडरा रहे संकट में कांग्रेस की एकजुटता को बनाए रखने के लिए मंगलवार को आनन फानन में कमलनाथ की नियुक्ति हुई है, जिसे लेकर मध्य प्रदेश से तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने तो यह तक कह दिया है कि, जिसकी मध्य प्रदेश में विधायक नहीं सुनते, वे महाराष्ट्र में शिवसेना विधायकों को क्या समझाएंगे?

महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनावों में हुए उलटफेर में कांग्रेस का एक उम्मीदवार पराजित हो गया। इसके बाद कांग्रेस विधायकों के मत फूटने की बात सामने आई थी। इसी बीच शिवसेना में बड़ी टूट की खबर सामने आ गई। जिसमें कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे कई विधायकों को लेकर सरकार से नाराज होकर सूरत चले गए। राज्य में चल रही इस उठापटक को देखते कांग्रेस ने कमलनाथ को आब्जर्वर के तौर पर भेजी है।

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भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि जिन कमलनाथ जी की बात मध्यप्रदेश के विधायक नहीं सुनते, वो महाराष्ट्र के विधायकों को क्या समझाएंगे? प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने छतरपुर में मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि अभी समाचारों में देख रहा था कि महाराष्ट्र में उठापटक चल रही है। कांग्रेस पार्टी द्वारा वहां कमलनाथ जी को ऑब्जर्वर बनाकर भेजा गया है। शर्मा ने कहा कि मुझे तो पूरा विश्वास है कि ‘मिस्टर बंटाढार 02’ यानी कमलनाथ, महाराष्ट्र में भी बंटाधार करके ही लौटेंगे।

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