…ताकि जांच को वाझे पर ही रोक दिया जाए! ऐसा क्यों बोले रविशंकर प्रसाद?

महाराष्ट्र सरकार पर भाजपा का प्रहार जारी है। एक ओर प्रशासनिक अधिकारियों ने जंग छेड़ी हुई है तो दूसरी ओर विपक्ष में बैठी भाजपा ने कागज दिखा-दिखाकर सत्ताधारियों की नींद खराब कर दी है।

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महाराष्ट्र के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेता भी अब मैदान में हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल चुनाव के प्रचार से कहा है कि महाराष्ट्र की सरकार को नैतिकता के आधार पर निर्णय लेना चाहिए। जबकि केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तो आघाड़ी सरकार को वसूली सरकार की संज्ञा तक दे दी है।

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उनके संबोधन की मुख्य बातें ..

  • भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ कि किसी पुलिस कमिश्नर ने लिखा कि राज्य के गृह मंत्री जी ने मुंबई से 100 करोड़ रुपये महीना वसूली का टार्गेट तय किया है।
  • जब एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ रुपये है तो बाकी के मंत्रियों का कितना होगा?
  • पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी ने कुछ दस्तावेजों के साथ कहा है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर भी वसूली चल रही थी। वो भी छोटे मोटे ऑफिसर्स की ही नहीं बल्कि बड़े बड़े IPS ऑफिसर्स की भी।
  • महाराष्ट्र जैसे राज्य में बड़े अधिकारियों की पोस्टिंग में वसूली हो रही है, तो हमें लगा मुख्यमंत्री कार्रवाई करेंगे। लेकिन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय, एक ईमानदारी महिला अधिकारी को सिविल डिफेंस का डीजीपी बना दिया।
  • सचिन वाजे सस्पेंडेड था, करीब 15-16 वर्षों तक, वो शिवसेना का सदस्य बनता है। उसे कोरोना काल में वापस नौकरी पर लिया जाता है। उसके बाद उसे ही 100 करोड़ की वसूली का टार्गेट दिया जाता है।
  • एक उद्योगपति के घर के सामने जो गाड़ी मिली है, उसकी एनआईए जांच कर रही है, उस गाड़ी का तथाकथित मालिक मृत पाया जाता है, तो उसकी जांच को क्यों रोका जा रहा है?
  • महाराष्ट्र सरकार की एटीएस इस मामले को नहीं सौंप रही है। जबकि ये एनआईए को प्रदत्त अधिकार धारा 8 के अंतर्गत कानून रूप से वैध है।
  • मैं शरद पवार जी से कहना चाहूंगा कि आप कृपया देश को बताएं कि गलत तथ्यों के आधार पर आपको महाराष्ट्र के गृहमंत्री को क्यों डिफेंड करना पड़ा?

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सीबीआई की मां
इस बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय गृह सचिव से मिलकर अधिकारियों के स्थानांतरण के प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में एक सीलबंद में लिफाफे में साक्ष्य भी सौंपे हैं। देवेंद्र फडणवीस के अनुसार गृह सचिव ने उन्हें इस कार्रवाई का विश्वास दिलाया है।

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