भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा (भारतीय जनता युवा मोर्चा) का सम्मेलन मुंबई में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन के लिये सत्ताधारी दल ने छत्रपति शिवाजी पार्क परिसर में ऐसी बैनरबाजी की थी कि, सड़क के एक ओर से दूसरी ओर दिखना बंद हो गया था। इस कार्यक्रम के बैनर में जिन शीर्ष नेताओं की फोटो थी, उनमें से कोई भी नेता इस कार्यक्रम में नहीं दिखा। यानी बैनरबाजी पुल रही और नेता गुल रहे।
भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के सम्मेलन के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या मुंबई आए थे। उनकी उपस्थिति में होनेवाले कार्यक्रम के लिए भाजपा ने पूरा जोर लगाया था। जिसका परिणाम था कि, कार्यकर्ताओं की संख्या स्थल की क्षमता से अधिक थी। स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक में संपन्न सम्मेलन में अतिरिक्तओं कार्यकर्ताओं के लिए भी व्यवस्था पार्टी ने की थी। इसका जोश कार्यक्रम से दो दिन पहले ही सड़क पर दिखने लगा था। परंतु, छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क उच्च वर्गीय जनों के क्षेत्रों में आता है, जिसका परिणाम ये हुआ कि इस क्षेत्र में मनपा सक्रिय हो गई और भाजयुमो के होर्डिंग बैनर निकाल दिये गए थे। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजयुमो को इसके लिए फिर से बैनर होर्डिंग लगानी पड़ी थी।
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बैनर होर्डिंग के नेता प्रत्यक्ष में नहीं आए
छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क में सड़को दोनों किनारे और बीच में भी बैनर-होर्डिंग ऐसे लगा था कि, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना द्वारा दीपावली पर कराई गई रोशनाई एक छोर से दूसरे छोर पर नहीं दिख रही थी। इन होर्डिंग में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार के अलावा प्रमुख नेताओं की फोटो भी थी। परंतु, भाजयुमो के कार्यक्रम में कोई उपस्थित नहीं हुआ। मुंबई में कार्यक्रम होने के कारण भाजपा मुंबई के अध्यक्ष की अनुपस्थिति पर लोगों में चर्चा भी हो रही थी।
युवा मोर्चा का हाई जोश
भाजयुमो की बैनरबाजी करनेवाली युवा ब्रिगेड अपने नेता तेजेंद्र तिवाना के नेतृत्व में सक्रिय थी। लेकिन इसमें कुछ जगहों पर बैनर होर्डिंग के लिए स्थानीय लोगों से विवाद की स्थिति बन गई थी, ऐसी बातें भी सुनने में आई हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो सत्ता प्राप्ति के पहले की भाजपा और शुक्रवार को सम्मेलन में जो भाजपा दिखी उसमें अंतर बहुत बड़ा था।
बैनर हटे
शुक्रवार की दोपहर दोपहर कार्यक्रम समाप्त हो गया था। इसके अगले दिन छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क से बैनर होर्डिंग हटा लिये गए थे। जिससे स्थानीय लोगों को चलने में आसानी हो गई।