बिहार विधानभा चुनाव के अंतिम चरण(7 अक्टूबर) के चुनाव प्रचार के दौरान जनता दल यूनाइटेड प्रमुख और प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी। इसे जनता से भावुक अपील मानते हुए नीतीश का चुनावी ब्रह्मास्त्र के तौर पर देखा जा रहा है। लेकिन उन्हें मात देने के लिए बेककारर महागठबंधन ने उनकी इस अपील को अपना चुनावी हथियार बना लिया।
क्या कहा नीतीश कुमार ने?
नीतीश कुमार पुर्णिया के धमदाहा में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दैरान उन्होंने एनडीए के लिए जनता से वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा,’यह मेरा अंतिम चुनाव है और अंत भला तो सब भला।’ इसके साथ ही उन्होंने जनता से एनडीए को वोट देने की अपील करते हुए फिर से काम करने का मौका देने का आशीर्वाद मांगा। राजनैतिक हलकों में उनकी इस अपील को उनके संन्यास लेने की घोषणा के रुप में देखा जा रहा है।
उनकी इस घोषणा के बाद उठ रहे सवाल
क्या यह नीतीश कुमार का अंतिम चुनाव है और इसके बाद वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे?
क्या नीतीश कुमार को हार का आभास हो गया है?
क्या वे बिहार चुनाव के बाद दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हो जाएंगे?
नीतीश के बाद जनता दल यूनाइटेड की कमान किसके हाथ में जाएगी?
क्या जेडीयू का भारतीय जनता पार्टी में विलय हो जाएगा?
नित्यानंद के नाम पर चर्चा
नीतीश कुमार चुनाव में अपने ऊपर हो रहे हमले से बेहद दुखी हैं। अब वे बिहार की राजनीति नहीं करना चाहते। इसलिए विधानसभा चुनाव के बाद बिहार की सत्ता बीजेपी को सौंपकर वे केंद्र में मंत्री बन सकते हैं। उनकी जगह मौजूदा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बीजेपी नेता नित्यानंद राय को बिहार का मख्यमंत्री बनाया जा सकता है। चर्चा यह भी है कि वे पीएम मोदी के रहते हुए उपराष्ट्रपति बन सकते हैं।
उनकी इस घोषणा पर किसने क्या कहा?
जेडीयू ने स्प्ष्ट किया है कि नीतीश कुमार ने अपने अंतिम चुनाव की बात कही है। वह राजनीति से संन्यास नहीं लेने नहीं जा रहे हैं। जेडीयू नेता और राज्यसभा उपसभापति हरिवंश ने कहा, ‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि नीतीश जी राजनीति में हैं और आगे भी बने रहेंगे। उनके बयान का गलत अर्थ निकाला जा रहा है।’
जीतनराम मांझी
हम प्रमुख और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने ट्विट करते हुए लिखा, ‘नीतीश जी ने इसे अपना अंतिम चुनाव होने की घोषणा की है और इससे मैं और मेरे जैसे सभी बिहारी दुखी हैं।’
If Nitish Kumar meant that he's retiring, then it's not good for the party or Bihar. Bihar needs Nitish Kumar. There is no one to take his place: Hindustani Awam Morcha (HAM) chief Jitan Ram Manjhi on Bihar CM’s “This is my last election” comment. pic.twitter.com/reaApUWvUT
— ANI (@ANI) November 5, 2020
तेजस्वी यादव
हम काफी समय से कह रहे हैं कि नीतीश कुमार थक गए हैं और बिहार को संभालने में सक्षम नहीं हैं। लेकिन पहले नीतीश जी बिहारवासियों की अकांक्षाओं, अपेक्षाओं के साथ ही जमीनी हकीकत को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे। अब चुनाव प्रचार के आखिरि दिन उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है, शायद उन्हें अपनी जमीनी हकीकत का अंदाजा हो गया है।
आदरणीय नीतीश जी बिहारवासियों की आकांक्षाओं, अपेक्षाओं के साथ-साथ ज़मीनी हकीकत भी स्वीकार करने को तैयार नहीं थे।
हम शुरू से कहते आ रहे है कि वो पूर्णत: थक चुके है और आज आखिरकार उन्होंने अंतिम चरण से पहले हार मानकर राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर हमारी बात पर मुहर लगा दी।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 5, 2020
चिराग पासवान
रणभूमि से नेता ही गद्दी छोड़कर भाग जाए तो बाकी लोग क्या करेंगे। अब जेडीयू का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है। अगर नीतीश कुमार जी ये सोच रहे हैं कि ये घोषणा करके वे जांच की आंच से बच जाएंगे तो ये मैं नहीं होने दूंगा। साहब ने कहा है कि यह उनका आखिरी चुनाव है। इस बार पांच साल का हिसाब नहीं दिया और बता दिया कि अगली बार आएंगे नहीं। अपना अधिकार उन्हें न दें जो कल आपका आशीर्वाद मांगने नहीं आए। अगले चुनाव में न रहेंगे साहब और न रहेगी जेडीयू। फिर हिसाब किससे लेंगे हम।
जो लोग मैदान छोड़ कर भाग चुकें है ऐसों पर कौन विशवास करेगा।
— Lok Janshakti Party (@LJP4India) November 5, 2020
उपेंद्र कुशवाहा
रालोसपा प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, ‘उनकी उम्र अधिक हो चुकी है, अब उनको आराम करना चाहिए। बड़े भाई नीतीश, इस छोटे भाई उपेंद्र को सरकार चलाने का आशीर्वाद दें।’
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