भाजपा की ओर से टूलकिट लेखिका का खुलासा, संत भी आक्रोशित! पढ़ें पूरी खबर

भाजपा और कांग्रेस के बीच टूलकिट को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का जौर चल रहा है। भाजपा लगातार दूसरे दिन खुलासे करती रही तो कांग्रेस ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

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भारतीय जनता पार्टी द्वारा कांग्रेस की जिस टूलकिट का भंडाफोड़ किया गया था, उस प्रकरण में अब एक नाम भी सामने आया है। जिसपर टूलकिट बनाने का आरोप है। दूसरी ओर टूलकिट में कोविड 19 संक्रमण बढ़ाने में कुंभ मेले को दोषी ठहराने के मुद्दे पर संत समाज ने आक्रोश व्यक्त किया है।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने बुधवार को टूलकिट की लेखका का नाम जारी किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सौम्या वर्मा नामक महिला ने इस टूलकिट को बनाया है और इसे सोशियल मीडिया कैंपेन प्लेबुक के माध्यम प्रचारित किया जाना था। आरोप यह भी है कि इसके माध्यम से हिंदुओं के कुंभ मेले और पीएम नरेंद्र मोदी को बदनाम करने का षड्यंत्र रचा गया था। इस बीच कांग्रेस ने भी माना है कि सेंट्रल विस्टा से संबंधित एक डॉक्यूमेन्ट उसका ही है।

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कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर पलटवार करते हुए पात्रा को ही टूलकिट का लेखक बताया है। कांग्रेस ने कहा कि सेंट्रल विस्टा पर बनाया गया डॉक्यूमेंट सही था लेकिन दूसरा डॉक्यूमेंट जो कोविड 19 पर बनाया गया है वो कांग्रेस को बदनाम करने के लिए बनाया गया है।

इस टूलकिट को मंगलवार 19 मई, 20121 को भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने जारी किया था। जिसके बाद कांग्रेस कमेटी की ओर एक शिकायत दिल्ली पुलिस आयुक्त के समक्ष दर्ज कराई गई थी। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्क्षक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, संबित पात्रा, केएल संतोष का नाम था।

कांग्रेस रिसर्च टीम के अध्यक्ष राजीव गौड़ा ने आरोप लगाया है कि भाजपा द्वारा महिला सहकर्मी का नाम उजागर किये जाने पश्चात उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स डिलीट कर दिये हैं।

कौन हैं सौम्या वर्मा?
कांग्रेस नेताओं के अनुसार सौम्या वर्मा पार्टी के शोध दल का हिस्सा हैं। वे पार्टी की कार्यकर्ता नहीं हैं, बल्कि पेशे के रूप में पार्टी के लिए काम कर रही हैं। इसके लिए उन्हें प्रतिमाह वेतन दिया जाता है। 2019 के पश्चात अन्य इकाइयों की भांति शोध दल को भी छोटा कर दिया गया था। वर्मा के साथ कुछ लोग मिलकर छोटी टीम को चला रहे हैं।

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संत नाराज
इस बीच टूलकिट में कुंभ मेले पर कोरोना संक्रमण फैलाने का आरोप मढ़ने का निर्देश दिया गया है, उसका संत समुदाय ने भी विरोध शुरू कर दिया है। जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरिजी महाराज ने इसे भारत की सांस्कृतिक धरोहर बताया है। उन्होंने इसे सुनियोजित ढंग से सांस्कतिक निष्ठा, धरोहर, आस्था पर प्रहार बताया है।

भाजपा ने कहा मिटा दिये साक्ष्य
भाजपा आईटी सेल के पदाधिकारी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस की जिस महिला का नाम टूलकिट की लेखिका के रूप में सामने आया है कि उसका ट्विटर और लिंक्डइन अकाउंट भी हटा दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ये साक्ष्य मिटाने का प्रयत्न है।

यह प्रकरण जांच का विषय है। जिसके बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि टूलकिट के पीछे उद्देश्य क्या था।

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