पंजाब में विधायक का ये हाल तो नागरिकों का क्या होगा?

केंद्रीय कृषि कानूनों के विरुद्ध पंजाब में बड़ा रोष नजर आ रहा है। दिल्ली की सीमाओं पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन में भी पंजाब के किसानों की प्रमुख भूमिका रही है। इन किसानों को देश की विपक्षी पार्टियों के साथ विदेशों से खालिस्तान समर्थकों का भी सहयोग मिलता रहा है।

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पंजाब में एक विधायक को तथाकथित किसान नेता पुलिस के बीच से खींच ले गए। इन लोगों ने पुलिस के समक्ष विधायक से अभद्रता की, उनके कपड़े फाड़ दिये। यह हमला मुक्तसर के फजिल्का में घटी। इससे सुरक्षा को लेकर चिंता होने लगी है कि जब विधायक का ये हाल हो सकता है तो आमजनों का क्या होगा?

कृषि कानूनों के समर्थन में कार्यक्रम करने गए भाजपा विधायक अरुण नारंग पर भीड़ ने हमला कर दिया। ऐसा बताया जा रहा है कि हमलावर केंद्रीय कृषि कानूनों के समर्थन में विधायक द्वारा बोले जाने से नाराज थे। वे विधायक को खींच ले गए और उनके साथ अभद्रता करते हुए उनका पूरा कपड़ा फाड़ दिया। पंजाब पुलिस को विधायक को छुड़ाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। यह घटना मुक्तसर, मलोट में हुई है।

पंजाब में भाजपा नेताओं के विरुद्ध साजिश या आंदोलन
राज्य में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के विरुद्ध श्रृंखलाबद्ध आंदोलन हो रहे हैं। विधायक अरुण नारंग के पहले पंजाब के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अश्विनी शर्मा का भी विरोध किया था। उसके पहलेपूर्व मंत्री ज्याणी के विरुद्ध बीड़ ने धरना प्रदर्शन किया था।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने भी विधायक अरुण नारंग के साथ हुई इस घटना की निंदा की है। उन्होंने पंजाब की कानून व्यवस्था पर प्रश्न उठाया है। इसके अलावा जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस को घेरा है।

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