बंगाल में अब ‘टीएमसी’ से लोहा लेंगे टीएमसी के पूर्व ‘अधिकारी’!

राज्य में विधान सभा चुनावों के बाद ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को बड़ी जीत पाप्त हुई है। मुख्यमंत्री के रूप में ममता बनर्जी तीसरी बार पद पर आसीन हुई हैं।

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पश्चिम बंगाल में हिसा की घटनाओं को लेकर लगातार टिप्पणियां हो रही है। इस सबके बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपना मंत्रिमंडल विस्तार कर चुकी हैं। 43 तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को उन्होंने कैबिनट में जगह दी है। वो पात-पात चल रही हैं क्योंकि सत्ता की कुंजी उनके हाथ है तो दूसरी ओर विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी भी खेल करने में माहिर है। नेता प्रतिपक्ष के रूप में उसने सुवेंदु अधिकारी को नियुक्त किया है। यानी टीएमसी के विरुद्ध बंगाल में कमान संभालेंगे टीएमसी के ही पूर्व अधिकारी।

भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय नेतृत्व की ओर से रविशंकर प्रसाद, महासचिव भूपेंद्र यादव, महासचिव कैलश विजय वर्गीय को भेजा गया था। प्रदेश नेताओं की बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने शुभेंदु अधिकारी के नाम प्रस्ताव रखा था। जिसमें शुभेंदु को विधायक दल का नेता चुना गया साथ ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई।

इसलिए चुने गए शुभेंदु
नंदीग्राम से ममता बनर्जी को हरानेवाले शुभेंदु अधिकारी के आने से भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल में तीन सीट से 77 सीट तक पहुंचने में सफल रही है। जबकि दूसरे नेता मुकुल रॉय भी चुनावी राजनीति में मजबूत माने जाते हैं। लेकिन शुभेंदु के पास रणनीतिक और राजनीति समझ के साथ संसदीय राजनीति का भी अच्छा अनुभव है। इस बार मनोज तिग्गा को विधान सभा में उप नेता बनाया गया है। वे मदारीहाट से जीते हैं। वे 2016 के विधान सभा चुनाव में भी जीते थे। लेकिन राजनीतिक समीकरण में शुभेंदु का पलड़ा भारी रहा। मुकुल रॉय को लेकर भी राजनीतिक सर्किल में तरह-तरह की चर्चा हैं, लेकिन दो दिन पहले ही मुुकुल रॉय ने अपनी राजनीतिक लड़ाई को स्पष्ट करते हुए भाजपा के साथ अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

 

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