वो कहानी सियासी थी! आंदोलन के नाम भारतीय किसान यूनियन का ऐसा था खेल

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किसान यूनियनों के आंदोलन के पीछे राजनीतिक महत्वकांक्षा थी। इसकी बात लंबे समय से होती रही है, लेकिन अब आंदोलन के सिमटने के बाद इस पर से पर्दा उठ गया है। भारतीय किसान यूनियन के एक नेता ने अपनी राजनीतिक पार्टी की घोषणा कर दी है।

पंजाब और उत्तर प्रदेश में चुनाव होने हैं। भारतीय किसान यूनियन का जो प्रभाव है वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में है। चुनावी राज्यों में अपनी प्रसिद्धी को भुनाने के लिए अब भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने अपनी राजनीतिक पार्टी के गठन की घोषणा कर दी है।

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मिशन पंजाब मॉडल चला रहे

मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। परंतु, लोगों को इकट्ठा कर रहा हूं कि वे चुनाव लड़ें और सरकार चलाने का एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत करें। हम चुनावों के लिए अपनी पार्टी बना रहे हैं। हमारी सरकार आती है तो 2020 के चुनावों में देश पंजाब मॉडल की ओर देखेगा। हम मिशन पंजाब चला रहे हैं। जिनके पास मत हों उन्हें शासन करना चाहिये, न कि उन्हें जिनके पास पैसे हैं।
गुरनाम सिंह चढूनी – किसान यूनियन नेता

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