शिवसेना की दशहरा रैली में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह कहकर सबको चौंका दिया था कि वे मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे। इसे लेकर कई तरह चर्चाएं हो रही हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने भी उनके बयान की पुष्टि की है। पवार ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के लिए उद्धव ठाकरे को सुझाव दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस बात को लेकर पवार की कड़ी आलोचना की है।
पवार के बयान की आलोचना करते हुए फडणवीस ने महाभारत का सबूत दिया है। उन्होंने पवार की यह कहने के लिए आलोचना की कि द्वापरयुग में एक सुई की नोक जितनी जमीन देने से इनकार करने को लेकर महाभारत हुआ था और कलयुग में जो तैयार नहीं थे, उन्हें हाथ पकड़कर सत्ता में लाया गया। यह बड़ी अजीब बात है।
पवार ने कही थी ये बात
पवार ने कहा था, ‘महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के बाद तीनों दलों की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि मुख्यमंत्री कौन होना चाहिए। उस समय मेरे बगल में उद्धव ठाकरे बैठे थे। जब कुछ नामों पर चर्चा हो रही थी, मैंने उद्धव ठाकरे की ओर इशारा किया और कहा कि ये मुख्यमंत्री होंगे। उद्धव ठाकरे खुद मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे।’
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उद्धव ठाकरे की थी महत्वाकांक्षाः फडणवीस
फडणवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे को अब मुखौटा उतार देना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा किया। वे इसमें दर्शनशास्त्र जोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर वे शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे के किए गए वादे को निभाना चाहते तो सुभाष देसाई, दिवाकर रावते और एकनाथ शिंदे में से किसी को मुख्यमंत्री बनाते। राजनीति में महत्वाकांक्षा रखना गलत नहीं है। लेकिन इसमें दर्शनशास्त्र को जोड़ना भी उचित नहीं है।