महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में विधानसभा नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने मोदी राज में महान स्वतंत्रता सेनानी और हिंदुत्ववादी विचारक वीर सावरकर की नीतियों पर अमल किये जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि जब भी भारत ने नरम नीति अपनाई, अपना क्षेत्र खो दिया और वह क्षेत्र चीन द्वारा निगल लिया गया, लेकिन डोकलाम में पहली बार, भारत चीन से आगे निकल गया। अगर हम तब भी हिंदी चीनी भाई-भाई करते रहते तो चीन भारतीय क्षेत्र पर एक बार फिर कब्जा कर लेता।
अपनाई गई सावरकर की नीति
फडणवीस ने कहा, “डोकलाम में सावरकर की नीति अपनाई गई थी और वैसी ही नीति सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भी अपनाई गई। जब पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने भारतीय सेना पर हमला किया तो उसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किया और कई घुसपैठियों तथा आतंकियों को मार गिराया। इसके बावजूद पाकिस्तान चुप रहा। यह वीर सावरकर की नीति की जीत थी, क्योंकि मोदी राज में सावरकर की नीतियों पर अमल किया जा रहा है।”
वीर सावरकर के विचारों को करना होगा आत्मसात
फडणवीस ने कहा,” हम अभी भी कांग्रेस की मुसलमानों के तुष्टीकरण की नीति का परिणाम भुगत रहे हैं। राहुल गांधी ने त्रिपुरा में हुई कथित घटना का फायदा उठाया। उनके इशारे पर हजारों लोगों ने महाराष्ट्र में मार्च निकाला और हिंदुओं के घरों में आग लगा दी। धर्मनिरपेक्ष लोगों का इस पर मुंह नहीं खुला। अगर हम इस तरह की घटनाओं को रोकना चाहते हैं, तो हमें वीर सावरकर के विचारों को आत्मसात करना होगा। शहरी नक्सलवाद भी एक बड़ा षड्यंत्र है। यह आदिवासियों का ब्रेनवॉश कर समाज को खत्म करने की साजिश है। अगर इसे खत्म करना है तो इसका जवाब हिंदुत्व में है। हिंदुत्व जागेगा तभी विकास होगा।”
‘वीर सावरकर: द मैन हू कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टीशन’ पुस्तक का विमोचन
फडणवीस ने यह बात मुंबई के दादर स्थित स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक में आयोजित एक कार्यक्रम में कही। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहूरकर द्वारा लिखित पुस्तक ‘वीर सावरकर: द मैन हू कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टीशन’ पुस्तक का विमोचन किया। पुस्तक के सह-लेखक जाने-माने कवि चिरायु पंडित हैं।
सावरकर एक विश्वविद्यालय हैं
इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “सावरकर एक विश्वविद्यालय हैं। आज की पीढ़ी को पहले से ज्यादा वीर सावरकर के विचारों को जानने और अपनाने की जरूरत है, क्योंकि अगर हम इतिहास से नहीं सीखते हैं तो हमारे पास वर्तमान तो होगा लेकिन भविष्य नहीं। यह किताब इसी विचार को रेखांकित करती है।”
ये रहे उपस्थित
इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार डॉ. उदय निर्गुडकर, केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहूरकर, द मैन हू कैन्ड प्रिवेंटेड द पार्टिशन’ पुस्तक के सह-लेखक चिरायु पंडित, स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर, भाजपा नेता आशीष शेलार और अतुल भातखलकर उपस्थित थे। कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को अंडमान जेल के प्रतीकात्मक स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया। शुरुआत में पुस्तक के बारे में एक छोटा वीडियो दिखाया गया। इसके बाद गणमान्य व्यक्तियों ने मंच पर छत्रपति शिवाजी महाराज और वीर सावरकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। प्रसिद्ध गायिका मुग्धा वंशपायन ने वीर सावरकर के लिखे गीत गाकर उपस्थित लोगों में देशभक्ति की भावना भर दी।