ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीस 8 मार्च को चार दिवसीय दौरे पर भारत आएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर भारत आ रहे मेहमान नेता उनके साथ व्यापक रणनीतिक भागीदारी के तहत वार्षिक शिखर सम्मेलन में आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों सहित सहयोग के क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही एक सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसपर सबकी निगाह है वह है ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानियों के उत्पात की।
साझेदारी होगी सुदृढ़
विदेश मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री अल्बनीस की यात्रा से व्यापक सामरिक साझेदारी को और गति मिलने की उम्मीद है। यात्रा के दौरान उनके साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी होगा जिसमें व्यापार और पर्यटन मंत्री डॉन फैरेल तथा संसाधन और उत्तरी ऑस्ट्रेलिया मंत्री मेडेलीन किंग सहित उच्च अधिकारी और व्यापारिक प्रतिनिधि शामिल होंगे।
रणनीतिक भागीदारी पर चर्चा
प्रधानमंत्री अल्बनीस का 10 मार्च को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री अल्बनीस इसी दिन भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक भागीदारी के तहत वार्षिक शिखर सम्मेलन में आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों सहित सहयोग के क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री अल्बनीस, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे।
मुंबई और अहमदाबाद की होगी यात्रा
अपनी वर्तमान भूमिका में प्रधानमंत्री अल्बनीज की यह पहली भारत यात्रा होगी। औपचारिक स्वागत से पहले होली के दिन 8 मार्च को प्रधानमंत्री अल्बनीज अहमदाबाद पहुंचेंगे। दिल्ली पहुंचने से पहले 9 मार्च को मुंबई भी जाएंगे। उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को जून 2020 में एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रूप में उन्नत किया गया था, जिसे लगातार उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान और क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के माध्यम से मजबूत किया गया है।
बढ़े खालिस्तानी विचार
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का नया रूप है खालिस्तान। जिसे विदेश में बैठे गुरपतवंतसिंह पन्नू जैसे लोग संचालित कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में पन्नू जैसों की दुष्प्रचार से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ी है, जिसके कारण हिंदुओं पर हमले बढ़े हैं। इस मुद्दे पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री से क्या बात होती है, यह देखनेवाली बात होगी।