कांग्रेस से मोहभंग सिलसिला जारी है। बड़ी संख्या में विधायक पलायन कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेस के चिट्ठीवाले 23 नेता साथ तो हैं लेकिन पार्टी से दूरियां बढ़ती जा रही है। इन परिस्थितियों से जूझती कांग्रेस कभी चाय बगान तो कभी कॉन्वेंट में ठुमके लगाती नजर आती है। लेकिन, पलायन रोकने का पार्टी का पांसा उलटा ही पड़ रहा है और 170 विधायक पार्टी को छोड़ चुके हैं।
दक्षिण भारत में कांग्रेस का चेहरा और केरल के कद्दावर नेता पीसी चाको ने कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया। उन्होंने उपेक्षा, अनदेखी का आरोप लगाया है। इस बीच असोशिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म का एक सर्वेक्षण सामने आया है। जिसके अनुसार 2016-2020 की कालावधि में 170 कांग्रेसी विधायकों (42%) ने पार्टी छोड़ी है। जबकि इसी कालावधि में मात्र 18 भाजपा विधायकों (4.4%) ने साथ छोड़ा है। 2019 के लोकसभा चुनावों में 5 भाजपा (5%) सांसदों ने पार्टी छोड़ दिया। राज्यसभा में देखें तो कांग्रेस के 7 (43.8%) सांसदों ने पार्टी का साथ छोड़ा है।
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एडीआर ने देश के 433 सांसद और विधायकों के प्रतिज्ञापत्रों का अध्ययन किया है। जिसके बाद आंकड़े समक्ष आए हैं। नेताओं के पलायन का सबसे बड़ा लाभ भाजपा को मिला है। बड़ी संख्या में विधायकों और सांसदों ने भाजपा का दामन थामा है।
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