राकांपा नेता एकनाथ खडसे की करोड़ों की संपत्ति जब्त! फिर मुश्किल में ‘नाथाभाऊ’

प्रवर्तन निदेशालय ने राकांपा नेता एकनाथ खडसे की करोड़ों की संपत्ति जब्त कर ली है। जब्त की गई संपत्ति लोनावला और उनके गृह नगर जलगांव में स्थित है।

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती दिख रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी करोड़ों की संपत्ति जब्त कर ली है। जब्त की गई संपत्ति लोनावला और उनके गृह नगर जलगांव में स्थित है।

मिली जानकारी के अनुसार राकांपा नेता की ईडी द्वारा जब्त संपत्ति की कीमत 5 करोड़ 73 लाख है। ये संपत्ति जलगांव और महाराष्ट्र के मशहूर पिकनिक स्पॉट लोनावला में स्थित है।

जुलाई में की गई थी पूछताछ
बता दें कि खडसे के दामाद गिरीश चौधरी को जुलाई में गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी के एक दिन पश्चात राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता एकनाथ खडसे प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में पहुंचे थे। उन्हें नोटिस जारी करके पूछताछ के लिए बुलाया गया था। यह जांच पुणे के भोसरी भूखंड प्रकरण में की जा रही है। इस विवाद के कारण ही एकनाथ खडसे को अपना मंत्री का पद छोड़ना पड़ा था।

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2017 का मामला
खडसे के दामाद गिरीश चौधरी को 12 जुलाई 2021 तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया गया था। यह प्रकरण 2017 का है, जिसमें भोसरी एमआईडीसी में एक भूखंड खरीदी गई थी। इसमें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने प्रकरण दर्ज किया था। इस प्रकरण की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है। एकनाथ खडसे को पूछताछ के लिए समन जारी किया गया था, जिसके लिए वे 13 जुलाई को एजेंसी के कार्यालय में पेश हुए थे।

जांच में राजनीति की बू

एकनाथ खडसे ने प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय के बाहर मौजूद मीडिया के प्रश्नों का उत्तर दिया था। उन्होंने कहा था कि, इस प्रकरण से मेरा कोई संबंध नहीं है। इस भूखंड को मेरी पत्नी और दामाद ने खरीदा है। यह निजी खरीद प्रकरण है, जिसकी जांच हो रही है। इसके बावजूद मैं जांच में पूरा सहयोग करुंगा। यह मुझे फंसाने का प्रयत्न हो रहा है। इसमें राजनीतिक षड्यंत्र की बू आ रही है।

ये है मामला
इस भूखंड को खडसे परिवार ने अब्बास मुक्कानी नामक व्यक्ति से खरीदा था। जिसमें इसकी मूल कीमत को छुपाने का आरोप लगाते हुए हेमंत गावंडे ने बंद गार्डन पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भूखंड के मालिक और तीन खरीददारों पर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम और भारतीय दंड विधान की धारा 109 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया है।

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